जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। जहां एक ओर कांग्रेस और राजद जैसे विपक्षी दल इस फैसले को अपनी जीत बता रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और कैबिनेट मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पष्ट किया कि इस पहल की सच्ची शुरुआत बिहार से और नीतीश कुमार से हुई थी।
नीतीश ने दिखाई थी राह, विपक्ष अब ले रहा है क्रेडिट: विजय चौधरी
बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जातीय जनगणना की असली मांग 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उठाई थी। उस वक्त न तो विपक्षी दल आगे आए, न ही उन्होंने कोई ठोस पहल की। किसी मुद्दे की पहल करना और सिर्फ समर्थन देना दो अलग बातें हैं। चौधरी ने कहा कि नीतीश सरकार ने सर्वसम्मति से विधानसभा में प्रस्ताव पास करवाया, फिर 2021 में केंद्र को पत्र और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा गया।
कोर्ट में भी नीतीश सरकार लड़ रही है कानूनी जंग
विजय चौधरी ने यह भी बताया कि बिहार में जब जातीय गणना पर अदालत से रोक लगी, तो राज्य सरकार ने इसे लेकर न्यायालय में सक्रिय कानूनी लड़ाई लड़ी। नीतीश सरकार इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
जदयू ने बताया पीएम मोदी का फैसला सराहनीय, पर नीतीश हैं असली जनक
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि बिहार में जो शुरुआत नीतीश कुमार ने की, वही अब राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐतिहासिक फैसले में बदल गई है। नीतीश ने जो दिखाया, अब देश ने उसे अपनाया है।
राहुल गांधी पर तंज: "जो कभी खिलाफ थे, अब ले रहे श्रेय"
विजय चौधरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब नीतीश कुमार ने INDIA गठबंधन में जातीय गणना को प्रमुख मुद्दा बनाने की बात कही थी, तब राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने इस पर सहमति नहीं दी थी। आज वही लोग इसे अपनी जीत बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।