पटना में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (IGIC) में कार्यरत महिला डॉक्टर कनू प्रिया (41) की संदिग्ध हालात में मौत ने चिकित्सा जगत और स्थानीय प्रशासन को चौंका दिया है। घटना राजेंद्र नगर रोड नंबर 5-A स्थित उनके आवास पर हुई। शुरुआती जांच में यह एक संदिग्ध दुर्घटना लग रही है, लेकिन घटनास्थल और परिस्थितियां कई सवाल खड़े कर रही हैं।
क्या हुआ उस रात?
डॉ. कनू प्रिया के 15 वर्षीय बेटे सार्थक के अनुसार, रात करीब 10 बजे जब वह बाथरूम गया तो अंदर से दरवाजा बंद मिला। जब बार-बार खटखटाने पर कोई जवाब नहीं आया, तो उसने अपने पिता डॉ. मुकेश कुमार को सूचना दी। डॉ. मुकेश ने दरवाजा तोड़कर भीतर प्रवेश किया, तो देखा कि कनू फर्श पर बेसुध पड़ी थीं और गले में दुपट्टा लिपटा हुआ था।
जल्दबाज़ी में अस्पताल ले जाया गया
डॉ. मुकेश, जो खुद एक मधुमेह विशेषज्ञ हैं और पास में ही निजी अस्पताल चलाते हैं, तुरंत पत्नी को अस्पताल ले गए। बाद में उन्हें राजाबाजार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना की जानकारी शास्त्रीनगर पुलिस को अस्पताल से मिली। पोस्टमार्टम IGIMS में कराया गया। मामला कदमकुआं थाने में अज्ञात मृत्यु (UD) केस के रूप में दर्ज हुआ है। पुलिस अब रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
परिवार की प्रतिक्रिया: कोई आरोप नहीं
डॉ. कनू प्रिया के पिता अशोक कुमार ने अपने फर्दबयान में किसी पर कोई शक या आरोप नहीं लगाया है। उनका कहना है कि ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। परिवार उच्च पदस्थ और शिक्षित है—डॉ. मुकेश के पिता नगर निगम में मुख्य अभियंता रह चुके हैं, और उनके भाई-बहन सरकारी अधिकारी हैं।