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नेपाल में फैली राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक प्रदर्शनों का सीधा असर बिहार पर पड़ने लगा है। पड़ोसी देश में सोमवार से भड़की आग मंगलवार को और भयंकर हो गई, जिसके बाद भारत-नेपाल सीमा से जुड़े बिहार के सात जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी सीमावर्ती जिलों के एसपी को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है। वहीं, एसएसबी पटना फ्रंटियर मुख्यालय ने भी नेपाल बॉर्डर पर तैनात सभी चौकियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का आदेश दिया है।
बिहार के कई जिलों में तनाव
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के बाद शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन अचानक हिंसक हो उठे। राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और कई मंत्रियों के आवास तक जला दिए। हालात ऐसे बने कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ने की तैयारी करने लगे। इस राजनीतिक संकट और हिंसा की लपटों का असर बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों में साफ दिख रहा है।
बिहार पुलिस के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में चौकसी बढ़ा दी गई है ताकि उपद्रवियों या असामाजिक तत्वों की घुसपैठ रोकी जा सके। गश्ती दलों की संख्या बढ़ाई गई है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। केंद्रीय एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए मंगलवार को अररिया जिले के बथनाहा स्थित एसएसबी चौकी पर भारतीय सशस्त्र सीमा बल (SSB) और नेपाल एपीएफ पुलिस के बीच बैठक हुई। दोनों देशों की एजेंसियों ने मिलकर तय किया कि सीमा पर शांति बनाए रखने और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए साझा कार्रवाई की जाएगी।
हिंसक प्रदर्शनों का असर भारत-नेपाल रेल सेवा पर भी पड़ा है। मधुबनी जिले के जयनगर से चलने वाली भारत-नेपाल ट्रेन सेवा अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है। स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ है और यात्री परेशान हैं। अधिकारियों का कहना है कि नेपाल में हालात सामान्य होने के बाद ही सेवा बहाल की जाएगी।
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