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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बिहार की सियासत में फिर उठा मुख्यमंत्री पद का सवाल। प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी और अमित शाह से की सीधी मांग। NDA का चेहरा कौन? जनता को चाहिए स्पष्ट जवाब। 2015 के 1.25 लाख करोड़ पैकेज पर भी उठे सवाल। "बिहार की असल समस्याओं पर कब देंगे ध्यान?"
चुनावी माहौल गरमाने लगा है और बिहार की सियासत में अब सवाल सिर्फ पार्टियों का नहीं, नेतृत्व का भी है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि अगर वाकई नीतीश कुमार NDA का चेहरा हैं, तो इसकी आधिकारिक घोषणा पीएम मोदी या गृहमंत्री अमित शाह क्यों नहीं करते?
प्रशांत किशोर ने यह सवाल उस वक्त उठाया जब पीएम मोदी ने हाल ही में नीतीश कुमार को "बिहार के लाड़ले मुख्यमंत्री" कहकर संबोधित किया, लेकिन 2025 के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की कोई घोषणा नहीं की।
#WATCH सीवान (बिहार): जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, "अगर नीतीश कुमार NDA का चेहरा हैं तो नरेंद्र मोदी या अमित शाह इसकी घोषणा करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये बिहार के लाड़ले मुख्यमंत्री हैं। ये नहीं कहा कि 2025 के बाद यही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। घोषणा करें… pic.twitter.com/XTpOLBuhgO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 29, 2025
NDA का अगला मुख्यमंत्री कौन?
प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि बिहार की जनता जानना चाहती है कि अगर NDA सरकार बनती है तो अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? उन्होंने चुनौती दी कि मोदी खुद घोषणा करें, फिर जनता बताएगी कि नीतीश कुमार सच में "लाड़ले" हैं या नहीं। उनका दावा है कि यह अस्पष्टता बिहार की राजनीतिक दिशा को भ्रमित कर रही है और बीजेपी खुद भी तय नहीं कर पा रही कि नीतीश को आगे रखना है या नहीं।
2015 के 1.25 लाख करोड़ के पैकेज पर सवाल
प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री मोदी के 2015 में घोषित 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि वो पैसे गए कहां? क्या केंद्र सरकार ने वो राशि भेजी ही नहीं, या फिर उसे बिहार में NDA के मंत्रियों और अफसरों ने लूट लिया? उन्होंने इसे एक बड़ा घोटाला बताते हुए जवाब मांगा।
"बिहार के विकास पर कब होगा गंभीर विमर्श?"
PK ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वो बिहार की मूल समस्याओं पर एक पूरा दिन दें। उन्होंने कहा कि अगर मोदी जी वाकई बिहार के विकास को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें एक दिन सिर्फ बिहार के लिए निकालना चाहिए और एक स्पष्ट विकास विजन पेश करना चाहिए, जिसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पलायन जैसे मुद्दे शामिल हों।
नीतीश के सहारे NDA कितना भरोसेमंद?
किशोर ने तंज कसा कि अगर नीतीश ही NDA का भविष्य हैं तो BJP को यह बात स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब ‘डबल इंजन’ की नहीं, भरोसे की राजनीति की ज़रूरत है, जहां जनता को पता हो कि उनका नेता कौन है और वो कब तक उनके साथ रहेगा।
क्या बिहार की जनता और विपक्ष एक नए नेतृत्व की उम्मीद कर रहे हैं?
प्रशांत किशोर के इस बयान से साफ है कि वो NDA और BJP के अंदर के अंतर्विरोधों को उजागर करना चाहते हैं। उनके तीखे सवालों ने बिहार की राजनीतिक बहस को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है।
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