/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/22/prashant-kishor-upendra-kushwaha-nitish-kumar-2025-07-22-16-54-02.jpg)
बिहार की राजनीति में एक बार फिर तूफान आ गया है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी गई 'पद छोड़ने' की सलाह पर राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। इस मामले में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कुशवाहा को करारा जवाब देते हुए कहा है कि अगर उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है तो उन्हें एनडीए गठबंधन और राज्यसभा सदस्यता दोनों छोड़ देनी चाहिए।
मामला तब शुरू हुआ जब उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को सलाह दी कि वे जदयू की कमान किसी और को सौंप दें और केवल मुख्यमंत्री पद पर ही ध्यान केंद्रित करें। कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह बात कही थी, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को 'बिहार की उम्मीद' बताया था। इस पोस्ट में उन्होंने सुझाव दिया था कि दोनों जिम्मेदारियों को संभालना नीतीश कुमार के लिए मुश्किल हो रहा है।
प्रशांत किशोर का तीखा जवाब
इस पर प्रशांत किशोर ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जब आपको नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है तो एनडीए में क्यों बने हुए हैं? आप नीतीश कुमार की मदद से राज्यसभा गए, मंत्री बनना चाहते हैं और उनकी शिकायत भी करते हैं - यह दोहरा रवैया नहीं चलेगा। उन्होंने कुशवाहा से तत्काल राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा देने की भी मांग की।
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह नीतीश कुमार के लंबे राजनीतिक जीवन की अंतिम पारी है। अब जनता उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बिठाएगी। यह उनका अंतिम सत्र है जब वे सदन में विधानसभा के नेता के रूप में जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार बीस सप्ताह से कैबिनेट की बैठक नहीं बुला रहे हैं और अब 'लॉलीपॉप' दिखा रहे हैं।