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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल के दिनों में लगातार यह दोहराया जा रहा है कि वे अब एनडीए में ही रहेंगे और कहीं "इधर-उधर नहीं जाएंगे"। उनके इस कथन को लेकर जहां विपक्ष, खासकर तेजस्वी यादव लगातार कटाक्ष कर रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने उनके बयान का बचाव करते हुए इसका एक नया मतलब पेश किया है।
रविवार को पटना के खेलो इंडिया स्पोर्ट्स इवेंट 2025 के उद्घाटन समारोह में, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली शामिल हुए, वहीं नीतीश कुमार मंच पर मौजूद रहे। उन्होंने अपने भाषण में राज्य में खेलों के विकास पर बात करते हुए एक बार फिर दोहराया—"अब इधर-उधर नहीं जाएंगे, एनडीए में ही रहेंगे।"
भाजपा की प्रतिक्रिया: राजनीतिक संदेश से ज्यादा ‘विकास’ का संकेत
बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने नीतीश कुमार के इस बयान को सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी न मानते हुए इसे बिहार के विकास के प्रति उनकी निष्ठा बताया। उन्होंने कहा कि जब-जब नीतीश जी विपक्षी दलों (आरजेडी, कांग्रेस) के साथ गए, बिहार ने नुकसान झेला। ऐसे में एनडीए में बने रहना ही सुशासन और विकास की गारंटी है।
बीजेपी का मानना है कि नीतीश कुमार का यह दोहराव जनता को यह यकीन दिलाने के लिए है कि अब कोई ‘यू-टर्न’ नहीं होगा, और वे पूरी तरह एनडीए के साथ हैं।
विपक्ष का कटाक्ष, लेकिन गंभीर संदेश
विपक्षी नेता नीतीश कुमार के इस बयान को बार-बार दोहराने को राजनीतिक अस्थिरता और "दबाव में दिया गया बयान" कह रहे हैं। तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा था कि "नीतीश जी बार-बार यही क्यों कहते हैं, क्या उन्हें खुद पर भरोसा नहीं है?"
लेकिन नीतीश कुमार बार-बार यह स्पष्ट कर रहे हैं कि उनका एकमात्र उद्देश्य बिहार को विकास की राह पर आगे ले जाना है। खेलों में उत्कृष्टता दिखाने वाले 367 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का उदाहरण देकर उन्होंने अपनी विकास नीति को सामने रखा।