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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय को पटना हाईकोर्ट से बड़ा कानूनी सहारा मिला है। वर्ष 2018 में अररिया के एक चुनावी भाषण को लेकर उनके खिलाफ दर्ज केस को कोर्ट ने "कानूनी आधारहीन" मानते हुए खारिज कर दिया है।
यह केस 9 मार्च 2018 को अररिया जिले के नरपतगंज थाना कांड संख्या 129/2018 से जुड़ा है। आरोप था कि एक चुनावी सभा में नित्यानंद राय ने कहा था कि "अगर विपक्ष का उम्मीदवार जीत गया, तो अररिया ISIS का अड्डा बन जाएगा।"
इस बयान को लेकर धारा 153A IPC (धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना) और RP Act की धारा 125 के तहत केस दर्ज हुआ। प्राथमिकी सरकारी अधिकारी (CO) द्वारा दर्ज की गई थी, न कि विपक्षी प्रत्याशी द्वारा।
कोर्ट का निर्णय: "आरोप में दम नहीं, केस राजनीति से प्रेरित"
न्यायमूर्ति चंद्र शेखर झा की एकल पीठ ने 15 पन्नों के विस्तृत आदेश में साफ किया कि बयान में किसी धर्म, जाति या समुदाय का सीधा उल्लेख नहीं था। ISIS एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन है, जिसे राजनीतिक खतरे के प्रतीक के तौर पर लिया गया। प्राथमिकी राजनीतिक द्वेष से प्रेरित लगती है। धारा 153A और RP Act 125 लागू नहीं होती क्योंकि धार्मिक भावना भड़काने का कोई ठोस सबूत नहीं है। इस आधार पर CJM द्वारा लिया गया संज्ञान और आरोप पत्र दोनों रद्द कर दिए गए।