जब देश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष लोगों के शोक में डूबा था, तब बिहार के मधुबनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा हो रही थी — और यहीं से शुरू हुई सियासत की नई जंग, जिसकी अगुआई की पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने… लेकिन इस बार बयानों से नहीं, कविता के तीरों से।
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक मार्मिक कविता साझा करते हुए प्रधानमंत्री पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि "यह अक्षम्य अपराध है, पूरा देश शोक में डूबा है, आप बिहार में आकर राजनीतिक रैली कर रहे हैं..."
पीएम ने क्या किया मधुबनी में?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर मधुबनी में एक सादे समारोह में भाग लिया। न कोई माला, न मंच पर लाव-लश्कर। भाषण की शुरुआत में उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि “भारत की आत्मा पर हमला करने वालों को ऐसी सज़ा दी जाएगी जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी।”
उन्होंने मंच से बिना पाकिस्तान का नाम लिए दुनिया को साफ़ संदेश दिया कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने अंग्रेज़ी में भाषण देकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस मसले को उठाने का संकेत दिया।
तेजस्वी यादव भी पहले उठा चुके हैं सवाल
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी पीएम की रैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि “कानपुर का कार्यक्रम रद्द कर सकते हैं, लेकिन चुनावी बिहार आ सकते हैं। ये शोक नहीं, राजनीति है।”