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बिहार की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है, जहाँ कांग्रेस के नेता और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) लगातार पार्टी के नेतृत्व से दूर रखे जा रहे हैं। बिहार बंद के दौरान जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पटना पहुंचे, तो पप्पू यादव को एक बार फिर उनसे मिलने नहीं दिया गया। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पप्पू यादव ने 16 महीने पहले अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (JAP) का कांग्रेस में विलय कर दिया था, लेकिन अब तक वह पार्टी के मुख्यधारा नेतृत्व से जुड़ नहीं पाए हैं।
राहुल गांधी ने बिहार बंद के लिए पटना का दौरा किया और एक खुले ट्रक पर सवार होकर प्रदर्शन किया। पप्पू यादव भी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्हें ट्रक पर चढ़ने से रोक दिया गया। एक वायरल वीडियो में देखा गया कि सुरक्षाकर्मियों ने पप्पू को रोका, जबकि अन्य कांग्रेस नेताओं को ट्रक पर जगह दी गई। इसके बाद पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रोक दी और कांग्रेस का झंडा लहराते हुए विरोध किया।
क्यों नहीं मिल पा रहे पप्पू यादव और राहुल गांधी?
1. RJD का दबाव?
चर्चा है कि RJD नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पप्पू यादव को कांग्रेस में प्रमुख होते नहीं देखना चाहते। कारण यह है कि पप्पू यादव एक यादव नेता हैं और बिहार में RJD का मुख्य वोट बैंक यादव समुदाय है। अगर पप्पू यादव कांग्रेस में मजबूत हो गए, तो RJD की राजनीतिक प्रासंगिकता कम हो सकती है।
2. 2024 लोकसभा चुनाव का विवाद
2024 के चुनाव में पप्पू यादव को कांग्रेस ने पूर्णिया सीट से टिकट नहीं दिया, बल्कि RJD ने JDU के नेता बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया। इसके बावजूद पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए, जबकि RJD की जमानत जब्त हो गई। इससे RJD और कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ गया।
3. कांग्रेस का आंतरिक विरोध
बिहार कांग्रेस के कुछ नेताओं को भी पप्पू यादव का प्रभाव पसंद नहीं है। वे चाहते हैं कि पार्टी में पुराने नेताओं का ही दबदबा बना रहे। इसीलिए पप्पू यादव को राहुल गांधी के करीब आने से रोका जा रहा है।