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पटना , वाईबीएन डेस्क ।बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) के लिए पटना का 'सदाकत आश्रम' एक ऐतिहासिक और रणनीतिक स्थान रहा है, लेकिन गुरुवार को यह स्थान खुद कांग्रेस के लिए असहजता का प्रतीक बन गया। सेना के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पार्टी के भीतर का अनुशासन टूटता दिखा, जब प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की मौजूदगी में दो वरिष्ठ पदाधिकारी—अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन उमैर खान और सोशल मीडिया प्रभारी सौरभ सिन्हा—के बीच बैठने को लेकर तीखी बहस हो गई।
बैठने को लेकर हुआ विवाद
यह घटना तब हुई जब कांग्रेस के पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ द्वारा पुलवामा और पहलगाम हमलों में शहीद हुए जवानों के परिवारों को सम्मानित किया जा रहा था। मंच के ठीक पीछे की पंक्ति में बैठने को लेकर शुरू हुई तकरार देखते-देखते तू-तू, मैं-मैं में बदल गई। यह सब कुछ प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के सामने हुआ, जिन्हें हस्तक्षेप कर मामला शांत कराना पड़ा।
इस घटना ने पार्टी की संगठनात्मक साख और अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सेना सम्मान जैसे भावनात्मक और गरिमामय अवसर पर जिस तरह से नेताओं के बीच आपसी टकराव हुआ, उसने पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को फिर से सतह पर ला दिया है।
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने भी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि पहले शहीदों के परिवारों और सेना के प्रतिनिधियों को सम्मानपूर्वक बैठने की जगह दी जाए। लेकिन इस पर भी एक कार्यकर्ता ने शकील अहमद से बहस कर दी और कहा कि आपको पहले से व्यवस्था करनी चाहिए थी। यह जवाब ना केवल असम्मानजनक था बल्कि यह भी दिखाता है कि पार्टी के भीतर नेतृत्व का सम्मान किस कदर घट रहा है।
बावजूद इसके, कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य—शहीदों के परिवारों को सम्मानित करना—पूरा किया गया। कांग्रेस की ओर से पुलवामा और पहलगाम में शहीद हुए बिहार के वीर जवानों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये की सहायता दी गई। इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि वीरों का परिवार अकेला नहीं है, कांग्रेस और राहुल गांधी हर कदम उनके साथ हैं।
राजेश राम ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोलते हुए कहा कि आयोग ने लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है। उन्होंने यह भी एलान किया कि राहुल गांधी रक्षाबंधन के बाद बिहार का दौरा करेंगे, जो लगभग 17 दिनों तक चलेगा। इस दौरे में इंडिया गठबंधन के कई प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल होंगे, और यह यात्रा कैमूर या सासाराम से शुरू होगी।