पटना हाईकोर्ट ने महिला डॉक्टरों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि मातृत्व अवकाश के दौरान भी उन्हें कार्य अनुभव प्रमाणपत्र और मानदेय दिया जाएगा। यह फैसला नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पटना की दो महिला डॉक्टरों — डॉ. अतुलिका प्रकाश और डॉ. अलका कुमारी — की याचिका पर जस्टिस हरीश कुमार ने सुनाया।
मामला क्या था?
दोनों डॉक्टरों ने राज्य सरकार के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि मातृत्व अवकाश को सेवा अनुभव में नहीं जोड़ा जाएगा और उस अवधि का वेतन नहीं मिलेगा। याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता बिनोदानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि 29 नवंबर, 2022 को सरकार खुद स्पष्ट कर चुकी है कि मातृत्व अवकाश को अनुभव और मानदेय में गिना जाएगा, फिर भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिला।
कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने एनएमसीएच के प्राचार्य को तत्काल अनुभव प्रमाणपत्र देने और स्वास्थ्य विभाग को 24 जून, 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इस फैसले से महिला कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा होती है और उन्हें समान अवसर मिलते हैं।
यह निर्णय महिला डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे उन्हें मातृत्व अवकाश के दौरान भी उनके कार्य अनुभव और मानदेय का हक मिलेगा। इससे न केवल उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनके पेशेवर जीवन में भी स्थिरता आएगी।