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पटना ने आखिरकार उस ऐतिहासिक पल का साक्षी बन ही गया जिसका इंतजार राज्य के लोग वर्षों से कर रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर बिहार के पहले मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने खुद मेट्रो ट्रेन में सवार होकर पहले सफर का अनुभव लिया। उनके साथ राज्य सरकार के कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उद्घाटन के समय स्टेशन के बाहर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
मुख्यमंत्री के उद्घाटन के बाद मेट्रो ट्रेन ने पाटलिपुत्र ISBT डिपो से अपना पहला सफर शुरू किया और न्यू ISBT, जीरो माइल होते हुए भूतनाथ स्टेशन तक पहुंची। यह वही रूट है जिसे पहले चरण के तहत आम यात्रियों के लिए खोला गया है। उद्घाटन के बाद से ही मेट्रो सेवा को जनता के लिए समर्पित कर दिया गया है।
सरकार के अनुसार, मेट्रो का संचालन फिलहाल सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक किया जाएगा। हर स्टेशन पर मेट्रो हर 20 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होगी, ताकि यात्रियों को सुविधा मिल सके। प्रतिदिन 40 से 42 फेरे लगाए जाएंगे और फिलहाल तीन स्टेशनों पर इसका संचालन होगा।
मेट्रो का किराया भी आम लोगों को ध्यान में रखकर तय किया गया है। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक यात्रा का किराया 15 रुपये, जबकि पूरे रूट की यात्रा का अधिकतम किराया 30 रुपये रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार, यह किराया संरचना आने वाले महीनों में यात्रियों की प्रतिक्रिया के अनुसार समायोजित की जा सकती है।
पहले चरण में मेट्रो के डिब्बे तीन कोच वाले हैं, जिनकी कुल क्षमता 945 यात्रियों की है। प्रत्येक कोच में करीब 305 यात्री सफर कर सकते हैं, जिनमें से 147 यात्री बैठकर और बाकी खड़े होकर यात्रा करेंगे। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए हर कोच में 12 सीटें आरक्षित की गई हैं। यह व्यवस्था दिल्ली मेट्रो जैसी आधुनिक और सुरक्षित यात्रा अनुभव देने के उद्देश्य से की गई है।
नीतीश कुमार ने इस मौके पर कहा कि पटना मेट्रो सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं है, बल्कि बिहार की आधुनिकता और प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में इस रूट का विस्तार खेमनीचक और मलाही पकड़ी तक किया जाएगा, जिससे शहर के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से भी मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।
यह प्रोजेक्ट राज्य सरकार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। पटना की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण के बीच मेट्रो शहर की जीवनरेखा बनने जा रही है। इससे जहां आम यात्रियों को राहत मिलेगी, वहीं शहरी परिवहन के क्षेत्र में बिहार एक नए युग में प्रवेश कर गया है।
राजनीतिक दृष्टि से भी यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसे बिहार के विकास के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। जैसे दिल्ली मेट्रो ने राष्ट्रीय राजधानी का चेहरा बदला, वैसे ही पटना मेट्रो से भी उम्मीद की जा रही है कि यह बिहार की राजधानी की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल देगी।
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