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बिहार सरकार ने पटना से पूर्णिया तक बनने वाले 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना भारतमाला परियोजना-2 के तहत बनेगी और इससे राज्य के पूर्वी जिलों की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा प्रस्तावित इस एक्सप्रेसवे पर 20 बड़े पुल, 130 छोटे पुल, 11 आरओबी, 19 इंटरचेंज और 309 वीयूपी बनाए जाएंगे।
यह एक्सप्रेसवे वैशाली जिले के सराय टोल प्लाजा (NH 22) से शुरू होगा और समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा होते हुए पूर्णिया के हंसदाह (NH 27) तक जाएगा। इसके पूरा होने के बाद पटना से पूर्णिया की दूरी महज 3 घंटे में तय हो सकेगी, जो वर्तमान में 6-7 घंटे लेती है।
दिल्ली कनेक्टिविटी में सुधार
इस एक्सप्रेसवे को पटना रिंग रोड के दिघवारा से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्री पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली तक सिर्फ 15 घंटे में पहुंच सकेंगे। इसके अलावा, यह रूट बिहटा एयरपोर्ट और दरभंगा-पूर्णिया एयरपोर्ट से भी जुड़ेगा, जिससे हवाई यात्रा करने वालों को भी फायदा होगा।
हाइब्रिड अन्नुइटी मॉडल (HAM) के तहत निर्माण कार्य होगा, जिसमें 60% राशि निर्माण एजेंसी और 40% केंद्र सरकार वहन करेगी। 15 साल तक एजेंसी इस सड़क का रखरखाव करेगी और टोल राजस्व से अपना निवेश वसूलेगी। 3381.2 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसके लिए किसानों को बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा।
नेशनल प्लानिंग ग्रुप (NPG) ने इस परियोजना को वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है। PPPAC (Public-Private Partnership Appraisal Committee) की मंजूरी 15 दिनों में मिलने की उम्मीद है। निविदा प्रक्रिया जल्द शुरू होगी ताकि 2024 के अंत तक निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।
यह एक्सप्रेसवे बिहार के पूर्वी जिलों में व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। साथ ही, दिल्ली-पटना-पूर्णिया कॉरिडोर बनने से माल ढुलाई में आसानी होगी, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा।