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बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर से आपराधिक गतिविधियों के केंद्र में आ गई है। 11 जुलाई की रात को हुई व्यवसायी विक्रम झा की गोली मारकर हत्या ने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता खड़ी कर दी है। घटना ने न सिर्फ आम नागरिकों के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है, बल्कि सियासत में भी हलचल तेज कर दी है।
पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के जकरियापुर मोहल्ले में रात 11 बजे के करीब यह वारदात हुई, जब ‘तृष्णा मार्ट’ के मालिक विक्रम झा पर बाइक सवार दो हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। विक्रम झा, जो मूलतः दरभंगा के निवासी थे, कई वर्षों से पटना में रहकर खुदरा व्यापार में सक्रिय थे। चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद तेजी से फरार हो गए।
SP (East) ने पुष्टि करते हुए बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और इलाके के CCTV फुटेज की जांच जारी है। पुलिस हत्या के पीछे संभावित व्यापारिक विवाद, पुरानी दुश्मनी, आपराधिक गिरोह की संलिप्तता या गैंगवार के एंगल से भी जांच कर रही है। हालांकि, अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
इस हत्याकांड के बाद विपक्ष ने कानून-व्यवस्था पर सीधे तौर पर नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर तीखा प्रहार करते हुए लिखा कि "पटना में व्यवसायी की हत्या के बाद भी अचेत मुख्यमंत्री मौन क्यों हैं? DK ट्रांसफर उद्योग और भूंजा पार्टी की विफलता आज हर घर में डर पैदा कर रही है। अपराधी बेलगाम हैं, जवाब कौन देगा?"
बिहार में आए दिन हो रही हत्याओं, लूटपाट और अपहरण की घटनाओं से लोगों का भरोसा प्रशासन से डगमगाता जा रहा है। विक्रम झा की हत्या कोई पहला मामला नहीं है — लेकिन यह वारदात इसलिए महत्वपूर्ण बन जाती है क्योंकि यह राजधानी के व्यस्त क्षेत्र में हुई, जहां पुलिस गश्त नियमित रहती है।