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बिहार की राजनीति और सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मचाने वाली बड़ी खबर किशनगंज से सामने आई है। प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूर्व बिहार प्रमुख महबूब आलम नदवी को गुरुवार को केंद्रीय एजेंसियों और बिहार पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया। नदवी वही शख्स है, जिसका नाम पटना के फुलवारी शरीफ में 12 सितंबर 2022 को उजागर हुए आतंकी ट्रेनिंग कैंप में सामने आया था। उस समय नदवी गिरफ्तारी से बचते हुए देश छोड़कर ओमान भाग गया था, जहां वह आईएसआईएस और बोकोहराम के गढ़ में करीब दो साल तक छिपा रहा।
मार्च में भारत लौटा है नदवी
मार्च 2025 में नदवी भारत लौटा और किशनगंज में एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक बनकर रहना शुरू किया। उसने अपना ठिकाना हलीम चौक और मोहउद्दीनपुर इलाके में बनाया। गुरुवार को एनआईए और बिहार पुलिस ने छापेमारी कर उसे दबोच लिया। एजेंसियों को नदवी के ठिकाने से कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिनसे आतंकी नेटवर्क से जुड़े अहम सुराग मिलने की संभावना है।
नदवी कटिहार जिले के हसनगंज प्रखंड के वंशीटोला गांव का रहने वाला है और 2016-17 में PFI का बिहार प्रमुख रह चुका है। उस पर कट्टरपंथी गतिविधियों और जिहादी नेटवर्क को बढ़ावा देने के आरोप लंबे समय से हैं। सूत्रों के अनुसार, पीएफआई ने बिहार को पांच जोन में बांटकर अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बनाई थी, जिसमें नदवी सीमांचल ईस्ट क्षेत्र का जिम्मेदार बनाया गया था। नदवी से पूछताछ के बाद सीमांचल और नेपाल-बांग्लादेश बॉर्डर इलाके में सक्रिय आतंकी नेटवर्क से जुड़े कई राज खुल सकते हैं।
गौरतलब है कि 2022 में फुलवारी शरीफ में पीएफआई के टेरर ट्रेनिंग कैंप का पर्दाफाश होने के बाद केंद्र सरकार ने UAPA कानून के तहत संगठन और इसके सहयोगी समूहों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। छापेमारी में ऐसे दस्तावेज मिले थे जो यह साबित करते थे कि बिहार के सीमांचल इलाके में जिहादी दस्ता तैयार करने की कोशिश की जा रही थी।
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