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"PK ने खोल दी तेजस्वी की पोल? जानिए क्यों कहा- 'कानून-व्यवस्था पर बात करते हुए शर्म आनी चाहिए'" | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव के "नेशनल दामाद आयोग" वाले बयान पर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पलटवार किया है। किशोर ने तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी RJD को कानून-व्यवस्था, वंशवाद और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर बोलने से बचने की सलाह दी है। उन्होंने साफ कहा कि इन मुद्दों पर बात करते हुए RJD नेताओं को 'शर्म' आनी चाहिए। प्रशांत किशोर का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ गया है, खासकर तब जब लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके परिवार के 6-7 सदस्य राजनीति में हैं, जो अपने आप में वंशवाद का जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि बिहार में वंशवाद और भ्रष्टाचार के जनक और अपराध का राज चलाने वाले लोग जब इन मुद्दों पर बोलते हैं, तो यह हास्यास्पद लगता है। किशोर ने यह भी दावा किया कि उन्होंने एक सर्वे कराया है, जिसमें सामने आया है कि पिछले 25-30 सालों में बिहार में सिर्फ 1250 परिवारों के सदस्य ही सांसद और विधायक बने हैं। यह आंकड़ा बिहार की वंशवाद की राजनीति की गहरी जड़ों को दर्शाता है।
#WATCH | Gopalganj, Bihar: On RJD leader Tejashwi Yadav's "National Damad Aayog" jibe for NDA, Jan Suraaj Founder Prashant Kishor says, "Tejashwi Yadav and people of RJD should not speak on at least law and order, dynasty and corruption, they should have some shame and not speak… pic.twitter.com/EHKAZH4JC2
— ANI (@ANI) June 19, 2025
RJD का 'वंशवाद' और 'भ्रष्टाचार' पर दोहरा रवैया: प्रशांत किशोर के सवाल
प्रशांत किशोर के बयान ने RJD के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जब तेजस्वी यादव "नेशनल दामाद आयोग" जैसे बयान देकर NDA पर हमला करते हैं, तो क्या उन्हें अपने परिवार के राजनीतिक इतिहास को याद नहीं करना चाहिए? बिहार की राजनीति में वंशवाद एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर दशकों से बहस चल रही है। लालू प्रसाद यादव के परिवार से लेकर कई अन्य राजनीतिक घरानों तक, बिहार में पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजनीति में सक्रियता एक सामान्य बात है। ऐसे में RJD जैसी पार्टी का इन मुद्दों पर दूसरों को ज्ञान देना विरोधाभासी लगता है।
प्रशांत किशोर ने सिर्फ वंशवाद पर ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था पर भी RJD को घेरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि RJD ने बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार के तंत्र को जन्म दिया है। यह आरोप इसलिए भी गंभीर है क्योंकि RJD के शासनकाल में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। अगर प्रशांत किशोर के सर्वे का आंकड़ा सही है कि सिर्फ 1250 परिवारों ने बिहार की राजनीति को नियंत्रित किया है, तो यह दर्शाता है कि आम लोगों के लिए राजनीति में प्रवेश कितना मुश्किल रहा है। यह बिहार के लोकतंत्र के लिए भी एक चिंताजनक बात है।
बिहार की राजनीति में नए समीकरण और 'वंशवाद' पर बहस
प्रशांत किशोर, जो कभी विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं, अब खुद को बिहार की राजनीति में एक स्वतंत्र विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं। उनका जन सुराज अभियान बिहार के लोगों को राजनीति में बदलाव के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में उनका तेजस्वी यादव और RJD पर यह सीधा हमला बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। क्या यह हमला RJD की छवि को और नुकसान पहुंचाएगा, या तेजस्वी यादव इसका कोई करारा जवाब देंगे? यह देखना दिलचस्प होगा।
बिहार में वंशवाद की राजनीति एक जटिल मुद्दा है। जहां कुछ लोग इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं, वहीं कई लोग इसे अवसरों की कमी और परिवारवाद को बढ़ावा देने वाला मानते हैं। प्रशांत किशोर का बयान इस बहस को फिर से तेज कर रहा है। क्या बिहार के लोग अब वंशवाद और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर अधिक मुखर होंगे? क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा? ये सवाल बिहार की राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रशांत किशोर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अपनी बात कहने से पीछे नहीं हटते, भले ही इससे बड़े राजनीतिक घरानों को ही निशाना क्यों न बनाया जाए।
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