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बिहार की राजनीति और विकास दोनों ही आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेगूसराय दौरे से चर्चा में हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी ने गंगा नदी पर बने औंटा-सिमरिया छह लेन पुल का उद्घाटन किया। यह पुल बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को सीधा जोड़ने वाला अहम मार्ग साबित होगा। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल पर रोड शो करते हुए लोगों का अभिवादन किया। इस दौरान छठ महापर्व के गीतों से वातावरण गूंज उठा और स्थानीय जनता ने मोदी-नीतीश का स्वागत किया।
यह पुल सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि बिहार के आर्थिक गलियारे का प्रतीक माना जा रहा है। औंटा-सिमरिया पुल से बेगूसराय, पटना और आसपास के इलाकों में उद्योग-व्यापार को नई गति मिलेगी। वहीं, राजनीतिक नजरिये से यह कार्यक्रम बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों को मजबूती देने वाला संदेश भी देता है। मंच साझा कर नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया, जिससे यह संकेत मिला कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन के भीतर तालमेल की कोशिश जारी है।
गया में विपक्ष पर खूब बरसे PM Modi
बेगूसराय कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी गया पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। अपने भाषण में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमले भारत ने ध्वस्त कर दिए और यह दिखाता है कि देश की सुरक्षा के संकल्प को बिहार की धरती से मिली ताकत कभी अधूरी नहीं रहती। मोदी ने संविधान के 130वें संशोधन पर बोलते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल जाता है तो वह पद पर बने रहने का हकदार नहीं है।
बिहार दौरे में राजनीतिक संदेश देने की कोशिश
उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए ये दल घुसपैठियों को बढ़ावा दे रहे हैं और बिहारियों के अधिकार छीन रहे हैं। मोदी के भाषण ने साफ कर दिया कि बिहार दौरे का मकसद केवल विकास योजनाओं का उद्घाटन भर नहीं था, बल्कि राजनीतिक संदेश देना भी था।