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बिहार चुनाव के नतीजों ने जन सुराज की उम्मीदों को धरातल पर ला दिया और इस झटके के बाद मंगलवार को प्रशांत किशोर पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने खुले तौर पर माना कि वे जनता का भरोसा नहीं जीत पाए और उनकी पूरी कोशिश नाकाम रही। PK ने कहा कि तीन साल की मेहनत के बावजूद उनकी पहल लोगों को आश्वस्त नहीं कर सकी और यह असफलता पूरी तरह उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जिस दल को सिर्फ साढ़े तीन फीसदी वोट मिले हों, उसकी प्रेस वार्ता में भी इतनी भारी संख्या में लोग आना बताता है कि उनकी टीम ने कुछ सही किया होगा, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था।
PK ने कहा कि जन सुराज की शुरुआत तभी हुई जब उन्होंने बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का सपना देखा था। वे मानते हैं कि यह लक्ष्य तो दूर, वे सत्ता परिवर्तन तक का रास्ता नहीं बना सके। उनके मुताबिक यह साफ संकेत है कि जनता उनके प्रयासों से संतुष्ट नहीं हुई और यह कमी उनकी अपनी है। उन्होंने कहा कि जनता ने बेहतर उम्मीदवारों को हराकर दूसरी पसंद को चुना और यह संदेश है कि जन सुराज अभी भरोसे की परिधि में प्रवेश नहीं कर सका। PK ने इसे अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि वे जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और उन लोगों से माफी मांगी जिन्होंने जन सुराज पर भरोसा किया था। PK ने कहा कि वे अपने दोष को स्वीकार करते हैं और इसी आत्मावलोकन के लिए दो दिन बाद गांधी भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास करेंगे। उन्होंने कहा कि जन सुराज के सभी साथी जहां भी हैं, वे भी एक दिन का उपवास रख सकते हैं। PK ने साफ कहा कि उनसे गलती जरूर हुई है, लेकिन गुनाह नहीं। वे इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि जाति की राजनीति के बीच उन्होंने समाज को बांटने वाली प्रवृत्ति को बढ़ावा नहीं दिया।
संन्यास के सवाल पर उन्होंने अपनी पुरानी बात दोहराई। PK ने कहा कि यदि नीतीश सरकार छह महीने के भीतर डेढ़ करोड़ महिलाओं को दो-दो लाख रुपये की सहायता दे दे, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। वे अब भी मानते हैं कि नीतीश कुमार 25 सीटों से अधिक का जनादेश हासिल नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर वोट खरीदे गए और लगभग 40 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। PK ने कहा कि कई क्षेत्रों में महिला वोटरों को सीधे नकद राशि देने के आरोपों की जांच होनी चाहिए।
PK ने चुनाव आयोग पर प्रत्यक्ष टिप्पणी करने से बचते हुए वोटिंग प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मधुबनी में जिस पार्टी का नाम तक कोई नहीं जानता, उसे एक लाख से अधिक वोट मिलना संदेह पैदा करता है और ऐसे कई उदाहरण हैं जिन पर गौर किया जाना चाहिए। PK ने साफ किया कि वे बिहार छोड़कर नहीं जाएंगे। बल्कि वे अब दोगुनी मेहनत के साथ अभियान को आगे बढ़ाएंगे और महिलाओं को आर्थिक अधिकार दिलाने की लड़ाई जारी रखेंगे।
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