Advertisment

Prashant Kishor का Bihar Police पर हमला, ADG बोले किसान हत्यारे, PK बोले आंखें चेक कराओ

बिहार में ADG कुंदन कृष्णन के "किसान ज्यादा मर्डर करते हैं" वाले बयान पर प्रशांत किशोर भड़क उठे। PK ने कहा, अगर ऐसे दिखते हैं किसान, तो एडीजी को आंखें चेक करानी चाहिए।

author-image
YBN Bihar Desk
Prashant Kishore
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बिहार में किसानों को लेकर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की टिप्पणी ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। बिहार पुलिस के ADG (लॉ एंड ऑर्डर) कुंदन कृष्णन द्वारा "किसान अप्रैल से जून के बीच मर्डर करते हैं क्योंकि उनके पास काम नहीं होता" जैसे बयान ने ना सिर्फ पुलिस विभाग की समझ पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भी इस पर तीखा हमला बोला है।

प्रशांत किशोर, जो इस वक्त अपने जनसंपर्क अभियान के जरिए बिहार की सियासत में नई जमीन तैयार कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि अगर पैंट-शर्ट पहनकर बंदूक निकालते अपराधी एडीजी साहब को किसान नज़र आते हैं, तो सबसे पहले उन्हें अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए। ये बयान उन्होंने बांका जिले के अमरपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।

PK यहीं नहीं रुके। उन्होंने इसे सिर्फ एक अधिकारी की गलती नहीं, बल्कि बिहार सरकार की पूरी मानसिकता बताया। प्रशांत किशोर के मुताबिक, जब अपराधियों को सरेआम अस्पताल में घुसकर गोली मार दी जाती है और पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे से वे भाग निकलते हैं, तब सरकार को आत्ममंथन करना चाहिए, न कि किसानों पर दोष मढ़ना चाहिए।

Prashant Kishor ने फिर सीएम नीतीश को घेरा

उन्होंने सरकार की दिशा और दशा पर भी कटाक्ष किया। PK ने आरोप लगाया कि बिहार में पुलिस प्रशासन शराब और बालू से पैसे कमाने में व्यस्त है। ऊपर से मंत्री ट्रांसफर-पोस्टिंग से अपनी कमाई कर रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हालत “अचेतन अवस्था” में बताई। ऐसे में कानून-व्यवस्था का और बिगड़ना तय है।

Advertisment

ये पूरा विवाद उस वक्त और गरमा गया जब राजधानी पटना के मशहूर पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि वह पैरोल पर इलाज कराने आया था, और वहीं अस्पताल परिसर में ही उसकी हत्या हो गई। सीसीटीवी फुटेज में अपराधी खुलेआम बंदूक निकालते और गोली मारते नज़र आए। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि "अप्रैल से जून तक किसान खाली रहते हैं इसलिए हत्याएं ज्यादा होती हैं।"

प्रशांत किशोर का कहना है कि जब पूरा प्रशासन वोट बैंक और अफसरों की जेब भरने में लगा है, तो समाज के सबसे बड़े उत्पादक वर्ग – यानी किसानों – को अपराधी कह देना न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि शर्मनाक भी।

prashant kishor news Prashant Kishor latest news Prashant Kishor Prashant Kishor bihar newslive Bihar News Hindi Bihar news 2025 Bihar news
Advertisment
Advertisment