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पटना , न्यूज डेस्क । बिहार की राजनीति इन दिनों सियासी आरोप-प्रत्यारोप और तीखे बयानों से गरमाई हुई है। विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के बीच जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसने विवाद खड़ा कर दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोग उनके खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं और माफी मांगने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान पीके ने कहा कि उन्हें मंत्री अशोक चौधरी की तरफ से 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस मिला है। इस पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वे जल्द ही एक और खुलासा करेंगे ताकि चौधरी उन्हें एक और नोटिस भेज दें। इसी दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं की ओर से उन्हें जेल भेजने की बात कही जा रही है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि सात जन्म लोगे तो भी हमको जेल नहीं भिजवा सकते। हम लोग क्या 'चोरी-...###&&&' करने वाले लोग हैं। हम बिहार के लिए लड़ रहे हैं, इस धरती के लिए लड़ रहे हैं।
यहीं से विवाद ने तूल पकड़ लिया। बिहार की आम बोलचाल की भाषा में जहां इन शब्द का प्रयोग होता है, वहीं प्रशांत किशोर ने कहा। इस शब्द को लेकर सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने आपत्ति जताई और इसे जातीय अपमान से जोड़कर देखा।
बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से अहम भूमिका निभाते आए हैं। ऐसे में पीके का यह बयान उनके खिलाफ हथियार बन सकता है। खासकर तब, जब वह खुद को पारंपरिक राजनीति से अलग और साफ-सुथरी राजनीति का विकल्प बताने की कोशिश कर रहे हैं। उनके विरोधियों को अब उनके बयान पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है।
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