Advertisment

देश के आधे हिंदू भाजपा से असहमत, प्रशांत किशोर ने अल्पसंख्यकों की बैठक में दी बड़ी राजनीतिक चुनौती

बेतिया में अल्पसंख्यक समाज से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि देश के 50% हिंदू भाजपा से असहमत हैं और गांधी, लोहिया, बाबासाहेब जैसी विचारधाराओं को मानते हैं।

author-image
YBN Bihar Desk
Prashant Kishor
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बिहार के बेतिया में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अल्पसंख्यक समाज के लोगों से संवाद के दौरान बड़ा राजनीतिक बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश के 50 फीसदी से ज्यादा हिंदू भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं हैं। यह आधी आबादी गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर, डॉ. लोहिया, समाजवादी और कम्युनिस्ट विचारधारा में विश्वास करती है। प्रशांत किशोर के मुताबिक आजादी की लड़ाई इन्हीं विचारधाराओं को मानने वालों ने लड़ी थी, जबकि भाजपा की जड़ें स्वतंत्रता संग्राम में नहीं रहीं।

जन सुराज की लड़ाई पूरे देश का मुद्दा : प्रशांत किशोर 

प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की लड़ाई केवल बिहार तक सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे देश का मुद्दा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर इस आधे हिस्से में से महज 20 प्रतिशत भी जन सुराज के साथ खड़ा हो जाए तो भाजपा के खिलाफ यह संघर्ष निर्णायक हो जाएगा। प्रशांत किशोर ने खुद यह भी याद दिलाया कि 2014 में उन्होंने नरेंद्र मोदी की जीत में रणनीतिक सहयोग किया था, लेकिन उसके बाद बिहार में भाजपा को 55 सीटों तक सिमटने पर मजबूर कर दिया।

उन्होंने अल्पसंख्यक समाज से अपील की कि वे सिर्फ राजनीतिक सौदेबाजी या सीटों के बंटवारे की वजह से जन सुराज का समर्थन न करें, बल्कि इस बदलाव को बिहार की तकदीर से जोड़कर देखें। किशोर ने कहा कि अगर मुस्लिम समाज बिहार के परिवर्तन में भागीदार बने तो यह इतिहास में दर्ज होगा।

पटना में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की गाड़ी पर हुए पथराव की घटना पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले तीन साल में सरकार ने हर तबके पर लाठियां चलाई हैं और अब जनता पलटकर जवाब देने लगी है।

Advertisment

जन सुराज की सरकार बनी तो मजबूरी में नहीं होगा पलायन

सभा के बाद मीडिया से बातचीत में किशोर ने राज्य सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 20 साल से सत्ता में रहने वाले लोग चुनाव से ठीक पहले नई-नई घोषणाएं कर रहे हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि अब तक काम नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज के दबाव से ही पेंशन और मानदेय में इजाफा हुआ है। उन्होंने भरोसा जताया कि अगर जन सुराज की व्यवस्था लागू हुई तो छठ के बाद बिहार का कोई युवा 10-12 हजार रुपए की नौकरी के लिए पलायन नहीं करेगा।

Prashant Kishor Prashant Kishor
Advertisment
Advertisment