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आगामी विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार की 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना पर करारा हमला बोला है। लेकिन उन्होंने इसे महज़ लोकलुभावन वादा करार नहीं दिया, बल्कि इससे जुड़ी बुनियादी समस्याओं को उजागर करते हुए गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
प्रशांत किशोर ने समस्तीपुर के खानपुर और बेगूसराय के खुदाबंदपुर में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में जनता को मुफ्त बिजली की नहीं, सही और पारदर्शी बिजली व्यवस्था की ज़रूरत है। उन्होंने दावा किया कि आज राज्य में गलत बिजली बिलिंग, प्रीपेड मीटर की अनिश्चितता, और बिजली कटौती ने आम लोगों की ज़िंदगी को बेहाल कर रखा है। उनके अनुसार, मुफ्त बिजली का वादा तभी मायने रखता है जब बिल ही सही आए।
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि प्रीपेड मीटर प्रणाली लोगों के लिए मुसीबत बन गई है क्योंकि रिचार्ज नहीं हुआ तो बिजली नहीं मिलेगी, ये गरीब तबके के साथ अन्याय है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को प्रीपेड की जगह पोस्टपेड मीटरिंग सिस्टम को फिर से लागू करना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिल सके।
लेकिन प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके। उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला। प्रशांत किशोर ने विकास के उनके दावों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अगर विकास हुआ होता तो बिहार आज भी रोजगार और शिक्षा के लिए पलायन क्यों करता? उन्होंने तेजस्वी यादव को याद दिलाया कि उनके माता-पिता – लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी – ने मिलकर 15 साल तक राज्य पर शासन किया और तेजस्वी खुद तीन साल उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि उनके शासन को लोग जंगलराज के नाम से जानते हैं, और अब बिहार की जनता उस दौर में लौटना नहीं चाहती।