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बिहार के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में पुनौरा धाम का ऐतिहासिक महत्व एक नई ऊंचाई पर पहुंचने वाला है। सीतामढ़ी जिले के इस पावन स्थल पर मां जानकी, जिन्हें हिन्दू मान्यताओं में माता सीता के रूप में पूजा जाता है, के जन्मस्थान पर भव्य सीता मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के लिए ₹882.87 करोड़ की भारी-भरकम राशि को मंजूरी दे दी गई है। यह शिलान्यास अगस्त 2025 में भव्य समारोह के साथ होगा, जिसकी तैयारी अभी से तेज़ कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से स्पष्ट किया कि यह मंदिर अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि के समकक्ष भव्यता और महत्व रखेगा। यह सिर्फ एक धार्मिक ढांचा नहीं होगा, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री के अनुसार, इस परियोजना का लक्ष्य न केवल मंदिर निर्माण है, बल्कि पुनौरा धाम को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना भी है।
पुनौरा धाम के विकास के लिए सरकार पहले ही कई चरणों में बजट मंजूर कर चुकी है। पिछले साल नवंबर में भी राज्य सरकार ने 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जिनका उपयोग भूमि अधिग्रहण, सड़क निर्माण, यात्री सुविधाएं, और आधारभूत संरचना के विकास के लिए किया गया था। अब जो नई राशि मंजूर हुई है, वह परियोजना को पूर्णता तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
सीता मंदिर निर्माण की निगरानी के लिए पुनौरा धाम मंदिर न्यास समिति का पुनर्गठन कर दिया गया है। बिहार के मुख्य सचिव को इस ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया है, जबकि विकास आयुक्त को उपाध्यक्ष और सीतामढ़ी के डीडीसी को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। नौ सदस्यीय इस समिति में राज्य के विभिन्न विभागों के सचिव, ज़िला अधिकारी, और मठ के महंत शामिल हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकास कार्यों में पारदर्शिता और कुशलता बनी रहे।
पुनौरा धाम में प्रस्तावित यह भव्य जानकी मंदिर, न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बिहार के पर्यटन मानचित्र को भी नया आयाम देगा। स्थानीय रोजगार, धार्मिक पर्यटन, सड़क और परिवहन सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का यह सुनहरा अवसर है।
नीतीश सरकार के इस फैसले को धार्मिक संगठनों, स्थानीय जनता और जानकी उपासकों ने बेहद सकारात्मक रूप में लिया है। जानकी नवमी, रामनवमी और अन्य धार्मिक पर्वों पर इस स्थल पर देशभर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है, और यह संख्या आने वाले वर्षों में और बढ़ने की संभावना है।