लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। जहां एक ओर राहुल गांधी ने दरभंगा में दलित छात्रों से संवाद कर उन्हें सशक्त करने की बात कही, वहीं दूसरी ओर नीतीश सरकार के मंत्रियों और जेडीयू नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया।
"राहुल गांधी सिर्फ सिनेमा देखने आए हैं"
बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने तीखा बयान देते हुए कहा कि राहुल गांधी बार-बार बिहार आ रहे हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा। वो टाइम पास करने और सिनेमा देखने आए हैं। जनता अब कांग्रेस और महागठबंधन को पूरी तरह नकार चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर छात्रावास को राजनीतिक मंच बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है और एनडीए को इस बार 225 से अधिक सीटें मिलने का दावा किया।
राज्यसभा सांसद और जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि क्या छात्रावास में राजनीतिक कार्यक्रम होना चाहिए? प्रशासन ने टाउन हॉल की अनुमति दी थी, लेकिन राहुल गांधी जबरन छात्रावास में कार्यक्रम करने की जिद पर अड़े रहे।
वहीं, जेडीयू महासचिव मनीष वर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार ने दलितों के लिए छात्रावास बनवाया है, राजनीतिक मंच के लिए नहीं। अगर राहुल गांधी को कुछ करना है, तो कांग्रेस शासित राज्यों में करें। यहां केवल सियासी ड्रामा चल रहा है।
राहुल गांधी पैदल पहुंचे छात्रावास, पुलिस की रोक के बावजूद हुआ संवाद
‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम के तहत राहुल गांधी ने दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास में छात्रों से संवाद किया। पुलिस ने उन्हें BNS धारा 163 के तहत रोकने की कोशिश की, लेकिन राहुल गांधी पैदल ही चलकर पहुंचे और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी शक्ति हमारे पास है, इसलिए सरकार हमें रोक नहीं पाई। डबल इंजन सरकार दलितों और पिछड़ों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।