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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सासाराम से ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की। यह यात्रा चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ निकाली गई है। राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने मंच से बीजेपी और आरएसएस पर सीधा हमला बोला और कहा कि आज देश में सत्ता पक्ष संविधान को मिटाने पर तुला हुआ है, मगर बिहार की जनता ऐसा होने नहीं देगी।
गरीबों के हाथ सिर्फ वोट की ताकत : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि आज गरीब और कमजोर तबकों के पास सिर्फ एक ताकत है और वह है वोट का अधिकार। यही वजह है कि वोट की चोरी लोकतंत्र पर सीधा हमला है। राहुल ने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में 2024 लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में अचानक एक करोड़ नए वोटर जादू की तरह बढ़ गए और इस वोटर लिस्ट में हेरफेर का सीधा फायदा बीजेपी को मिला। यही खेल बिहार में भी एसआईआर के जरिए खेला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सत्ता के दबाव में काम कर रहा है और इस तरह की गड़बड़ी से लोकतंत्र को नुकसान हो रहा है।
कांग्रेस नेता ने कर्नाटक का हवाला देते हुए कहा कि वहां एक लोकसभा क्षेत्र की एक विधानसभा सीट पर एक लाख वोट चोरी हुए और बीजेपी ने सीट अपने नाम कर ली। उन्होंने कहा कि जब तक हम हैं, यह खेल बिहार में नहीं चलने देंगे। राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार अरबपतियों की है, जो देश की जनता का धन कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों को सौंप देती है।
नरेंद्र मोदी जाति जनगणना नहीं कराएंगे : राहुल गांधी
राहुल ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार दबाव में आकर कह रही है कि जातिगत जनगणना होगी, लेकिन असलियत यह है कि नरेंद्र मोदी इसे कभी पूरा नहीं करेंगे। उन्होंने वादा किया कि सत्ता में आने पर महागठबंधन न केवल जातिगत जनगणना कराएगा बल्कि 50 फीसदी आरक्षण भी सुनिश्चित करेगा।
सासाराम की इस सभा में महागठबंधन के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे और भीड़ ने नारेबाजी कर राहुल गांधी का स्वागत किया। वोट अधिकार यात्रा का यह पहला चरण 16 दिनों तक चलेगा और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ इसका समापन होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा के जरिए कांग्रेस और आरजेडी बिहार की जनता के बीच वोटर लिस्ट विवाद को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।