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बेटे ने कंधे पर बैठाकर 300 KM पैदल चलकर माँ को पहुँचाया काशी, गंगा स्नान कराया

बिहार के कैमूर से राणा प्रताप सिंह ने अपनी 90 साल की माँ पिदमरा देवी को कंधे पर बैठाकर काशी (वाराणसी) गंगा स्नान के लिए ले गए। उनका संदेश - "माता-पिता की सेवा ही सच्ची पूजा है।"

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YBN Bihar Desk
Bihar News
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मातृ भक्ति की एक अद्भुत मिसाल पेश करते हुए बिहार के कैमूर निवासी राणा प्रताप सिंह ने अपनी 90 वर्षीय माँ पिदमरा देवी को कंधे पर बैठाकर 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके काशी (वाराणसी) ले गए। उनका उद्देश्य था – अपनी माँ को गंगा स्नान कराना और काशी विश्वनाथ के दर्शन कराना।

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"माता-पिता की सेवा ही सच्ची पूजा है"

राणा प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पिता का 11 अप्रैल को निधन हो गया था। इसके बाद उनकी माँ की इच्छा थी कि वह काशी में गंगा स्नान करें। चूँकि बुजुर्ग माँ के लिए लंबी यात्रा करना मुश्किल था, इसलिए राणा ने उन्हें कंधे पर बैठाकर पैदल ही यात्रा पूरी की।

उन्होंने कहा, "मैं भारतीय हूँ और मैं अपनी माँ की पूजा करता रहूँगा। आजकल बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार होता है, लेकिन माँ वह होती है जो अपने बच्चे को सुखी देखने के लिए खुद गीले कपड़े पर सो जाती है। जो माता-पिता की सेवा करता है, वह कभी हार नहीं सकता।"

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सोशल मीडिया पर वायरल हुई मातृ भक्ति की तस्वीरें

राणा प्रताप सिंह की यह भावुक यात्रा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग उनके समर्पण और मातृ प्रेम की सराहना कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इसे सनातन संस्कृति की जीती-जागती मिसाल बताया है।

हिंदू धर्म में गंगा स्नान को अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। खासकर काशी में गंगा स्नान का विशेष महत्व है, क्योंकि यहां माँ गंगा, शिव और विश्वनाथ का आशीर्वाद एक साथ मिलता है।

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