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बिहार को मिला विकास का नया इंजन, Raxaul-Haldia Expressway को केंद्र की मंजूरी से पटना, कोलकाता और नेपाल के बीच सफर होगा और आसान

केंद्र सरकार ने Raxaul-Haldia Greenfield Expressway को मंजूरी दी है, जिससे Patna से Kolkata और Nepal तक रोड कनेक्टिविटी में सुधार होगा। 39600 करोड़ की इस परियोजना से यात्रा समय आधा होगा और बिहार-झारखंड-पश्चिम बंगाल का विकास तेज़ होगा।

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YBN Bihar Desk
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बिहार की अधोसंरचना विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा Raxaul-Haldia Greenfield Expressway को स्वीकृति मिलने के साथ ही न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी, बल्कि पूरे क्षेत्रीय व्यापार और परिवहन तंत्र को नया विस्तार मिलेगा। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने हाल ही में पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में विकास परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान इस महत्वपूर्ण योजना की जानकारी साझा की।

यह 39600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला छह लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे न केवल बिहार के आठ प्रमुख जिलों – पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर और बांका – से होकर गुजरेगा, बल्कि गंगा नदी पर लगभग 4.5 किमी लंबा पुल बनाकर राज्य के आंतरिक हिस्सों को भी मुख्यधारा से जोड़ेगा।

इस परियोजना का असर सिर्फ एक राजमार्ग तक सीमित नहीं है। यह कोलकाता पोर्ट और नेपाल जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक ठिकानों के बीच ट्रांसपोर्ट की लागत और समय दोनों को प्रभावी रूप से घटाएगा। वर्तमान में रक्सौल से हल्दिया तक पहुंचने में 19 से 20 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह यात्रा महज़ 10 से 11 घंटों में पूरी हो सकेगी। यह बदलाव न केवल आम नागरिकों के लिए राहतदायक होगा, बल्कि लॉजिस्टिक्स कंपनियों और निर्यातकों के लिए भी वरदान साबित होगा।

राज्य सरकार की योजना यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के किसी भी हिस्से से पटना तक की यात्रा एक सीमित समय सीमा में पूरी की जा सके और यह एक्सप्रेसवे उसी विजन की पूर्ति की दिशा में एक मजबूत आधार बन रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रणनीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की तत्परता इस परियोजना को रफ्तार देने में निर्णायक साबित हो रही है।

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एक्सप्रेसवे को एक्सेस कंट्रोल्ड डिज़ाइन किया गया है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी और यात्रा अधिक सुरक्षित होगी। इसके साथ ही 120 किमी/घंटा की अधिकतम स्पीड को ध्यान में रखकर हाईवे का निर्माण किया जाएगा। इस स्मार्ट और सुरक्षित सड़क ढांचे से न केवल ट्रैफिक मैनेजमेंट आसान होगा, बल्कि आने वाले वर्षों में यह राज्य की आर्थिक गति को भी बढ़ाएगा।

राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह योजना बेहद अहम है। यह बिहार को झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ मजबूती से जोड़ते हुए एक आर्थिक गलियारा (Economic Corridor) के रूप में स्थापित करेगा। वहीं, नेपाल के साथ भारत के संबंधों में यह एक नया अध्याय जोड़ेगा क्योंकि हल्दिया पोर्ट तक नेपाल की निर्बाध पहुंच संभव हो सकेगी।

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस परियोजना की मंजूरी बिहार के लिए विकास की नई राह खोलेगी। यह सड़क सिर्फ एक राजमार्ग नहीं, बल्कि संभावनाओं का पुल है – जो उत्तर भारत को पूर्वी भारत और दक्षिण एशिया के व्यापारिक नक्शे पर नई दिशा देगा।

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