बिहार की सियासत में शराबबंदी एक बार फिर से बहस के केंद्र में है। इस बार आग में घी डालने का काम किया है राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने, जिसने अपने X (पूर्व में ट्विटर) के आधिकारिक हैंडल से सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि शराबबंदी के नाम पर सिर्फ गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को ही क्यों जेल भेजा जा रहा है?
RJD ने ट्वीट कर किया सरकार पर हमला
RJD के ट्वीट में बताया गया है कि शराबबंदी कानून के तहत अब तक 9.36 लाख मुकदमे दर्ज हुए हैं और 14.32 लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पार्टी का आरोप है कि इनमें 99% से ज्यादा लोग गरीब, दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों से आते हैं। वहीं दूसरी ओर, महंगी विदेशी शराब की जब्ती—जो आंकड़ों के मुताबिक 2.10 करोड़ लीटर है—यह सवाल उठाती है कि इसे पी कौन रहा है?
ट्वीट में तीखा सवाल उठाया गया—"गरीब लोग विदेशी शराब नहीं पी सकते, तो फिर इसे कौन पी रहा है? और उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाता?"
RJD ने आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस ने शराबबंदी को भ्रष्टाचार, अवैध उगाही और तस्करी का टूल बना लिया है। पार्टी ने यह भी दावा किया कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का काला बाजार चल रहा है, जिसमें प्रशासन और माफिया की मिलीभगत है।
इस राजनीतिक हमले से स्पष्ट है कि RJD इस मुद्दे को चुनावी हथियार बनाना चाहती है। वहीं, अब नीतीश सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वो शराबबंदी की असली हालत पर सफाई दे और यह बताए कि भारी जब्ती के बावजूद असली गुनहगार अभी तक क्यों खुलेआम घूम रहे हैं।
अब देखना होगा कि सत्तारूढ़ NDA इस तीखे हमले का क्या जवाब देता है, और क्या शराबबंदी कानून में कोई सुधार लाया जाएगा या नहीं।