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"कोई बड़ा आदमी नहीं", SC ने लालू के करीबी की जमानत के खिलाफ ED की याचिका पर विचार से किया इनकार

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती। पीठ ने कहा, ‘‘कोई बड़ा आदमी नहीं।

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Jyoti Yadav
कोई बड़ा आदमी नहीं, SC ने लालू के करीबी की जमानत के खिलाफ ED की याचिका पर विचार से किया इनकार
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पटना, वाईबीएन नेटवर्क 

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार, 7 अप्रैल को भारतीय रेलवे में भूमि के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी और व्यवसायी अमित कत्याल को दी गई जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। 

कोई बड़ा आदमी नहीं -पीठ का बयान 

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती। पीठ ने कहा, ‘‘कोई बड़ा आदमी नहीं। मुख्य लोग गिरफ्तार नहीं किए गए हैं। छोटी मछलियों के पीछे ही क्यों पड़ना? क्या आपको उन पर कार्रवाई से डर लगता है। आपने 11 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?’’ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश कानून के अनुसार अनुचित है और इसे खारिज करना चाहिए।

रेलवे में नौकरी से जुड़ा मामला 

उच्च न्यायालय ने गत 17 सितंबर को कत्याल को जमानत दे दी थी और ईडी की नीति को ‘चुनिंदा तरीके से लोगों पर निशाना साधने वाला’ बताते हुए उसकी निंदा की थी। मामले में राजद अध्यक्ष के परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी आरोपी हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य जोन में ग्रुप डी की नियुक्तियों से संबंधित है। यह नियुक्ति 2004 से 2009 के बीच लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान की गईं थीं। इन नियुक्तियों के बदले में राजद अध्यक्ष के परिवार या सहयोगियों के नाम पर भूखंड उपहार में दिए गए या हस्तांतरित किए गए।

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