पाकिस्तान के हमले में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए सिवान के लाल रामबाबू सिंह का पार्थिव शरीर आज पटना एयरपोर्ट पर लाया गया। एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों की आंखें नम थीं, और माहौल राष्ट्रभक्ति के गीतों से गूंज रहा था। लेकिन यह भी उतना ही हैरान करने वाला दृश्य था कि श्रद्धांजलि के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्रियों में से कोई भी मौजूद नहीं था।
2017 में सेना में भर्ती हुए थे रामबाबू, ऑपरेटर के रूप में कर रहे थे सेवा
शहीद रामबाबू सिंह वर्ष 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वे हाल ही में झारखंड के धनबाद निवासी युवती से दिसंबर 2024 में विवाह करके छुट्टी के बाद 10 अप्रैल को ड्यूटी पर लौटे थे। 12 मई को जम्मू-कश्मीर सीमा पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान की गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए।
तेजस्वी यादव ने दी श्रद्धांजलि, बोले- "बिहार का नौजवान हर मोर्चे पर खड़ा रहता है"
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पटना एयरपोर्ट पर शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि रामबाबू जैसे नौजवानों की वजह से देश सुरक्षित है। बिहार का बेटा हर परिस्थिति में राष्ट्र के लिए खड़ा होता है।
गांव में मातम और गर्व दोनों, राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई
वसिलपुर गांव, बड़हरिया प्रखंड स्थित शहीद के घर में मातम पसरा है। उनके पिता स्व. रामविचार सिंह पंचायत के पूर्व उपमुखिया रहे हैं। गांववाले अपने लाल की शहादत पर गर्व महसूस कर रहे हैं और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई की तैयारी कर रहे हैं।
बिहार सरकार ने शहीद के परिजनों को ₹50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है, साथ ही सरकारी नौकरी और अन्य सहायता भी दिए जाने की बात चल रही है।
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