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भगवानपुर थाना क्षेत्र के मलमलिया चौक पर हुए सामूहिक हमले ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तीन युवकों की निर्मम हत्या और दो के गंभीर रूप से घायल होने की इस घटना में हमलावरों ने तेज धार वाले हथियार, तलवार और गाड़ी से कुचलकर पीड़ितों को मौत के घाट उतार दिया। घटना के पीछे पूर्व मुखिया चुनाव से जुड़ा राजनीतिक विवाद बताया जा रहा है, जबकि पुलिस की देरी और लापरवाही ने स्थिति को और भड़काया।
आधे घंटे तक चला उत्पात, पुलिस पहुंचने में एक घंटा लगा
स्थानीय लोगों के अनुसार, शुक्रवार को साढ़े चार बजे दोपहर दो गाड़ियों और बाइक पर सवार करीब 20-25 हमलावरों ने मलमलिया चौक पर धावा बोला। पहले तलवार से हमला किया गया, फिर जब पीड़ित ओवरब्रिज पर भागे, तो उन्हें गाड़ी से कुचल दिया गया। हैरान करने वाली बात यह है कि घटना के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जबकि हमलावरों ने आधे घंटे तक उत्पात मचाया। इस देरी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पीड़ितों की पहचान और पुलिस की सस्पेंशन
मृतकों में मुन्ना सिंह (सूचित सिंह के पुत्र), रोहित कुमार (पूर्व मुखिया अखिलेश सिंह के पुत्र) और कन्हैया सिंह (राजनारायण सिंह के पुत्र) शामिल हैं। घायलों में रौशन सिंह और करण सिंह को बसंतपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी सुजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
जांच में खुलासा हुआ है कि कन्हैया सिंह ने गुरुवार को ही थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर पिस्टल और चाकू से हमले का आरोप लगाया गया था। उन्होंने बताया था कि उन्हें जबरन घर ले जाकर वीडियो बनाया गया और 7,000 रुपए व सोने की चेन लूटी गई। अगर पुलिस ने इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की होती, तो शायद यह खूनी वारदात टाली जा सकती थी।