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शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर धार्मिक विवादों के घेरे में हैं। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों ने शनिवार को उन्हें तनखैया (धार्मिक अनुशासन भंग करने वाला) घोषित कर दिया। यह फैसला उनकी लगातार अनुपस्थिति और गुरुद्वारा प्रबंधन में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोपों के बाद आया है।
गुरुद्वारा प्रबंधन के अनुसार, बादल को तीन बार स्पष्टीकरण देने का मौका दिया गया। 1 जून को पहली बार 10 दिन का समय दिया गया, जिसके बाद 20 दिन की अतिरिक्त मोहलत मिली। 21 मई को अकाल तख्त ने भी उन्हें हुक्मनामा उल्लंघन के लिए तनखैया घोषित किया था। पटना साहिब प्रबंधन का आरोप है कि बादल ने गुरुद्वारा संविधान और मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक प्रभाव डालने की कोशिश की।
सिख धार्मिक परंपरा में तनखैया की सजा का मतलब है धार्मिक समुदाय से अस्थायी बहिष्कार। इस सजा के बाद बादल पर सभी गुरुद्वारा परिसरों में प्रवेश वर्जित हो गया है। वह किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में आधिकारिक तौर पर भाग नहीं ले सकते हैं। सिख समुदाय में उनकी छवि को गंभीर झटका लगा है।