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बिहार सरकार ने प्रारंभिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना (MDM) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब तक इस योजना की ज़िम्मेदारी स्कूल के प्रधानाध्यापक निभाते थे, लेकिन अब यह कार्य किसी अन्य नियुक्त प्रभारी शिक्षक को सौंपा जाएगा। इससे प्रधानाध्यापक को स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने पर फोकस करने का अवसर मिलेगा।
बदलाव की शुरुआत: एक महीने का पायलट
इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए 13 मई से 13 जून 2025 तक एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। राज्य के हर जिले के एक प्रखंड के स्कूलों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। सफलता के बाद इसे सभी 70,000 प्रारंभिक विद्यालयों में लागू करने की योजना है।
नई भूमिका: शिक्षण के साथ-साथ भोजन प्रबंधन
अब एक शिक्षक को मिड-डे मील प्रभारी बनाया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारियां तय की गई हैं:
- बच्चों की उपस्थिति का फोटो लेकर पारदर्शिता बनाए रखना
- रसोइयों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना, उपस्थिति के हिसाब से
- भोजन की साफ-सफाई और गुणवत्ता की निगरानी
- अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखना
प्रधानाध्यापक की नई भूमिका
अब प्रधानाध्यापक स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों, शिक्षकों की निगरानी और सीखने के माहौल पर अधिक ध्यान देंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के मुताबिक, यह बदलाव स्कूलों में पठन-पाठन की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया जरूरी कदम है।
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