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बिहार की राजनीति एक बार फिर तेज प्रताप यादव के बयान से गरमा गई है। आरजेडी और लालू परिवार से बाहर किए जा चुके पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट कर सनसनी फैला दी है। उनका दावा है कि राज्य की राजनीति में सक्रिय पांच परिवारों ने मिलकर उनकी राजनीतिक और पारिवारिक पहचान मिटाने की साजिश रची है। तेज प्रताप ने यह भी ऐलान किया है कि वह जल्द ही इन चेहरों का पर्दाफाश करेंगे और जनता को बताएंगे कि किस तरह उनके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से षडयंत्र चलाया गया।
स्पष्ट नहीं है Tej Pratap Yadav का इशारा!
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप का इशारा किन परिवारों की ओर है, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ जानकार इसे तेजस्वी यादव और पार्टी के अन्य नेताओं के प्रति उनकी पुरानी नाराजगी का विस्तार मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे उनके राजनीतिक अस्तित्व को बचाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।
तेज प्रताप ने अपने पोस्ट में लिखा कि पिछले दस वर्षों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन उनके खिलाफ लगातार साजिशें रची गईं। उन्होंने कहा कि इन पांच परिवारों ने पूरी तरह उनके करियर को खत्म करने और निजी जीवन को बर्बाद करने की योजना बनाई।
यह पहला मौका नहीं है जब तेज प्रताप यादव ने खुलकर अपने विरोधियों को चुनौती दी हो। इससे पहले भी वह तेजस्वी यादव के करीबी नेताओं को जयचंद कह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने आकाश यादव पर भी इसी तरह के आरोप लगाए थे। ऐसे बयानों के कारण तेज प्रताप लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं और पार्टी के भीतर गुटबाजी की तस्वीर और साफ होती जाती है।
तेज प्रताप का व्यक्तिगत जीवन भी हाल के महीनों में विवादों में रहा है। मई महीने में उन्होंने एक लड़की अनुष्का यादव के साथ तस्वीरें साझा की थीं और दावा किया था कि वे पिछले बारह सालों से रिश्ते में हैं। पोस्ट बाद में डिलीट कर दिया गया, लेकिन तस्वीरें वायरल होने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया। यही नहीं, उन्हें परिवार से भी बेदखल कर दिया गया। इसके बाद से ही तेज प्रताप ने ‘टीम तेज प्रताप’ नाम का संगठन बनाकर अपनी अलग राजनीतिक राह बनाने की घोषणा कर दी है।
अब तेज प्रताप यादव महुआ सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं और कुछ क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन पर भी काम कर रहे हैं। ऐसे में उनका ताजा बयान बिहार की राजनीति में एक नए टकराव की ओर इशारा करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह जिन पांच परिवारों का नाम लेने वाले हैं, वे कौन हैं और उनके खुलासे से किस हद तक सियासी समीकरण बदलते हैं।