पटना , वाईबीएन डेस्क ।बिहार की राजनीति एक बार फिर पारिवारिक समीकरणों और व्यक्तिगत बयानों के चक्रव्यूह में उलझती दिख रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी है।
लालू के लाल का मुकेश रौशन पर सीधा निशाना
महुआ में एक कार्यक्रम के दौरान तेज प्रताप ने खुद को लालू प्रसाद यादव के खून का वारिस बताते हुए कहा कि मुझे जिताना मतलब लालू यादव को जिताना है। तेज प्रताप का असली निशाना महुआ से मौजूदा विधायक और राजद नेता मुकेश रौशन हैं। उन्होंने बिना लाग-लपेट के मुकेश रौशन को ‘बहुरूपिया’ करार देते हुए कटाक्ष किया कि जब-जब मैं महुआ आता हूं, तब-तब यहां का बहुरूपिया विधायक रोने लगता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस बार रोएं तो जनता उन्हें झुनझुना पकड़ा दे।
तेज प्रताप यादव ने दावा किया कि उन्होंने महुआ में विकास के कई काम किए हैं, जिसमें मेडिकल कॉलेज उनकी विशेष उपलब्धि है। अपने पिता लालू यादव के नाम का सहारा लेते हुए उन्होंने जनता को यह संदेश देने की कोशिश की कि अगर वे तेज प्रताप को वोट देते हैं, तो वह वोट सीधे-सीधे 'लालूवाद' के लिए होगा।
एक सवाल के जवाब में तेज प्रताप ने अपने और तेजस्वी यादव के रिश्ते को फिर से चर्चा में लाते हुए कहा कि तेजस्वी को हमने अर्जुन माना था, लेकिन जरूरत पड़ी तो मुरली बजाकर उन्हें दिखा भी देंगे। वैसे यह पहली बार नहीं है जब महुआ सीट पर तेज प्रताप और मुकेश रौशन के बीच सियासी तनाव दिखा है। एक बार पहले भी जब तेज प्रताप ने महुआ से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, तब मुकेश रौशन का एक भावुक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने खुद को पार्टी के फैसले के प्रति समर्पित बताया था।
अब जबकि तेज प्रताप ‘टीम तेज प्रताप’ बनाकर पार्टी से बाहर सक्रिय हो गए हैं और RJD की हरी टोपी की जगह पीली टोपी धारण कर चुके हैं, यह साफ हो गया है कि वे अब पूरी तरह अपनी राजनीतिक राह अलग तय करने के मूड में हैं।
2015 में तेज प्रताप ने महुआ से पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक बने। 2020 में उन्होंने समस्तीपुर की हसनपुर सीट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन अब 2025 के रण में वे फिर से महुआ की जमीन को अपने राजनीतिक पुनर्जन्म का केंद्र बना रहे हैं।
Bihar News
तेज प्रताप यादव ने महुआ में जमकर हमला बोला: मेरी रगों में लालू जी का खून, मुकेश रौशन बहुरूपिया
बिहार : तेज प्रताप यादव ने महुआ में चुनावी जनसंवाद के दौरान खुद को लालू यादव के खून से जोड़ते हुए जीत को लालू की जीत बताया। मुकेश रौशन पर निशाना साधते हुए बहुरूपिया करार दिया।
पटना , वाईबीएन डेस्क ।बिहार की राजनीति एक बार फिर पारिवारिक समीकरणों और व्यक्तिगत बयानों के चक्रव्यूह में उलझती दिख रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी है।
लालू के लाल का मुकेश रौशन पर सीधा निशाना
महुआ में एक कार्यक्रम के दौरान तेज प्रताप ने खुद को लालू प्रसाद यादव के खून का वारिस बताते हुए कहा कि मुझे जिताना मतलब लालू यादव को जिताना है। तेज प्रताप का असली निशाना महुआ से मौजूदा विधायक और राजद नेता मुकेश रौशन हैं। उन्होंने बिना लाग-लपेट के मुकेश रौशन को ‘बहुरूपिया’ करार देते हुए कटाक्ष किया कि जब-जब मैं महुआ आता हूं, तब-तब यहां का बहुरूपिया विधायक रोने लगता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस बार रोएं तो जनता उन्हें झुनझुना पकड़ा दे।
तेज प्रताप यादव ने दावा किया कि उन्होंने महुआ में विकास के कई काम किए हैं, जिसमें मेडिकल कॉलेज उनकी विशेष उपलब्धि है। अपने पिता लालू यादव के नाम का सहारा लेते हुए उन्होंने जनता को यह संदेश देने की कोशिश की कि अगर वे तेज प्रताप को वोट देते हैं, तो वह वोट सीधे-सीधे 'लालूवाद' के लिए होगा।
एक सवाल के जवाब में तेज प्रताप ने अपने और तेजस्वी यादव के रिश्ते को फिर से चर्चा में लाते हुए कहा कि तेजस्वी को हमने अर्जुन माना था, लेकिन जरूरत पड़ी तो मुरली बजाकर उन्हें दिखा भी देंगे। वैसे यह पहली बार नहीं है जब महुआ सीट पर तेज प्रताप और मुकेश रौशन के बीच सियासी तनाव दिखा है। एक बार पहले भी जब तेज प्रताप ने महुआ से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, तब मुकेश रौशन का एक भावुक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने खुद को पार्टी के फैसले के प्रति समर्पित बताया था।
अब जबकि तेज प्रताप ‘टीम तेज प्रताप’ बनाकर पार्टी से बाहर सक्रिय हो गए हैं और RJD की हरी टोपी की जगह पीली टोपी धारण कर चुके हैं, यह साफ हो गया है कि वे अब पूरी तरह अपनी राजनीतिक राह अलग तय करने के मूड में हैं।
2015 में तेज प्रताप ने महुआ से पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक बने। 2020 में उन्होंने समस्तीपुर की हसनपुर सीट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन अब 2025 के रण में वे फिर से महुआ की जमीन को अपने राजनीतिक पुनर्जन्म का केंद्र बना रहे हैं।
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