बिहार के हसनपुर विधायक और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेज प्रताप यादव ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर पायलट लाइसेंस की तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा, "पायलट की ट्रेनिंग अगर देश के काम आ सकती है, तो मैं तेज प्रताप यादव हर समय देश की सेवा के लिए तत्पर हूं।" इसके बाद, इस लाइसेंस की वास्तविकता पर सवाल उठने लगे।
क्या है इस लाइसेंस की सच्चाई?
तेज प्रताप यादव द्वारा साझा किया गया लाइसेंस फ्लाइट रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर (रेस्ट्रिक्टेड) का है, जो विमान उड़ाने के लिए मान्य नहीं है। यह लाइसेंस केवल विमान के रेडियो उपकरणों के संचालन के लिए होता है, न कि पायलट के रूप में उड़ान भरने के लिए। इसकी वैधता 2021 तक थी, और इसे नवीनीकरण की आवश्यकता थी, जो नहीं किया गया।
दीपा मांझी की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू और हम विधायक दीपा मांझी ने सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव को चुटकी लेते हुए लिखा, "तेज प्रताप भैया उ सब तो ठीके हो जे हवा बनावित ह.. लेकिन जौन लाईसेन्सवा पर जहाजवा उडाने की बात कर रहे हैं आप उ तो 2021 तक वैलिड है।" उन्होंने यह भी कहा कि यह लाइसेंस केवल ग्राउंड क्लियरेंस के लिए होता है, उड़ाने के लिए नहीं।
ग्रोक का स्पष्टीकरण
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ग्रोक ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेज प्रताप यादव के पास जो लाइसेंस है, वह फ्लाइट रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर लाइसेंस (रेस्ट्रिक्टेड) है, जो विमान उड़ाने के लिए नहीं होता। इसलिए, वह तकनीकी रूप से पायलट नहीं हैं, क्योंकि उनके पास DGCA से पायलट लाइसेंस नहीं है।