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तेजस्वी का चिराग पर सियासी वार: 'हनुमान' बनने की मजबूरी या अवसरवादी चुप्पी

बिहार की राजनीति में फिर उबाल, तेजस्वी ने चिराग के राज्य में बढ़ते अपराध वाले बयान पर किया हमला। बोले- अगर अफसोस है तो समर्थन वापस क्यों नहीं लेते? क्या मजबूरी है?

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Manoj Pratap
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पटना, वाईबीएन डेस्क। बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म है और इस बार तापमान बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने। तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान के उस बयान को 'राजनीतिक नाटक' करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अफसोस है कि वे ऐसी सरकार का हिस्सा हैं, जो बिहार में बढ़ते अपराधों को रोकने में नाकाम रही है। 

अगर अफसोस है तो समर्थन वापस क्यों नहीं लेते

तेजस्वी ने सीधा सवाल दागते हुए कहा, अगर अफसोस है, तो फिर सरकार में बने क्यों हुए हैं? समर्थन वापस क्यों नहीं लेते? उन्होंने चिराग पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि अगर आप खुद को मोदी का 'हनुमान' कहते हैं, तो किस मजबूरी में 'राजनीतिक बंदी' बने हुए हैं? RJD नेता ने चिराग की स्थिति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आप केंद्रीय मंत्री हैं, NDA के अहम सदस्य हैं, लेकिन सरकार की आलोचना करके खुद को कमजोर साबित कर रहे हैं। अगर आपके पास इतना दम नहीं कि सरकार को चुनौती दे सकें, तो फिर अफसोस जताने का क्या फायदा?

क्या कहा था चिराग ने 

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार को बिहार सरकार पर अपराधियों के सामने नतमस्तक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सरकार का समर्थन करने पर दुख हो रहा है। उनकी इस टिप्पणी पर जेडीयू ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

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