नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । मुजफ्फरपुर में मासूम के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है। तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर डबल इंजन सरकार की जमकर आलोचना की है। उनका आरोप है कि बिहार में कानून व्यवस्था नाम की चीज़ बची ही नहीं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री केवल राजनीतिक मंचों पर नजर आते हैं। पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए कोई सरकार में संजीदा नहीं है।
मुजफ्फरपुर में बच्ची के साथ हुए जघन्य अपराध पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि बिहार की डबल इंजन सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है—चाहे कानून व्यवस्था हो या स्वास्थ्य सेवाएं। तेजस्वी का आरोप है कि मुख्यमंत्री को घटनाओं की जानकारी तक नहीं होती और प्रशासनिक स्तर पर पूरी तरह अराजकता फैली हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कब तक मासूमों की चीखें सियासत के शोर में दबती रहेंगी?
तेजस्वी का सीधा हमला: "कानून व्यवस्था का क्रिमिनल डिसऑर्डर"
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में आज जो हालात हैं, वो किसी लोकतांत्रिक राज्य के नहीं हो सकते। मुजफ्फरपुर में हुई बर्बरता पर सरकार की चुप्पी को उन्होंने 'असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा' बताया। उनके मुताबिक बिहार में अब ‘कानून व्यवस्था’ नहीं बल्कि ‘क्रिमिनल डिसऑर्डर’ चल रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके दोनों उपमुख्यमंत्री केवल राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और जनता की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं रखते।
"बिहार की बेटियां असुरक्षित, सरकार बेखबर"
तेजस्वी ने पूछा कि आखिर बिहार में बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने कहा कि राज्य की बच्चियां अब घर के बाहर तो क्या, घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। प्रशासन पूरी तरह नाकाम हो चुका है और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के नाम पर केवल बयानबाजी हो रही है।
"मुख्यमंत्री को घटनाओं की जानकारी तक नहीं"
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शायद अब घटनाओं से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। उन्होंने तंज कसा—"ये सरकार अब जनता के लिए नहीं, केवल कुर्सी बचाने के लिए काम कर रही है।" तेजस्वी का यह भी आरोप था कि पीड़िता से मिलने तक कोई मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी नहीं गया।
"ये जनता के साथ अन्याय है"
तेजस्वी ने कहा कि यदि राज्य सरकार इतनी नाकाम है तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे। उन्होंने कहा कि यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि सिस्टमिक फेल्योर है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अब इस व्यवस्था को बदलने के लिए जागरूक हों।
बिहार में बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं केवल समाज ही नहीं, शासन पर भी सवाल खड़े करती हैं। क्या डबल इंजन सरकार इस बार कोई ठोस कदम उठाएगी?
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