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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मंगलवार को जहानाबाद से अपनी बहुचर्चित "बिहार अधिकार यात्रा" की शुरुआत की। इस यात्रा को उन्होंने जनता के अधिकारों और मुद्दों की लड़ाई करार दिया। तेजस्वी ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह जनसरोकारों पर केंद्रित होगा और इसका समापन वैशाली में होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बिहार के अलग-अलग जिलों में जाएंगे, लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उन्हें सदन से लेकर सड़क तक उठाएंगे। इस यात्रा को राजनीतिक ही नहीं बल्कि सामाजिक चेतना का भी आंदोलन बताया जा रहा है, जिसका मकसद बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं जैसे बुनियादी मुद्दों को प्रमुखता देना है।
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सीधा वार किया। पूर्णिया में मोदी द्वारा घुसपैठियों का मुद्दा उठाए जाने पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री 11 वर्षों से केंद्र की सत्ता में हैं और बिहार में 20 वर्षों से एनडीए की सरकार है। अगर घुसपैठ हो रही है तो इसका जिम्मेदार कौन है, इसका जवाब खुद प्रधानमंत्री को देना चाहिए। तेजस्वी ने यह भी कहा कि जब झारखंड में चुनाव होता है तो वहां घुसपैठियों की बात की जाती है और अब बिहार में चुनाव आते ही वही मुद्दा यहां उछाला जा रहा है।
यात्रा की शुरुआत से ही तेजस्वी यादव ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। दरभंगा में एक यूट्यूबर मामले पर उन्होंने कहा कि यह एफआईआर राजनीतिक बदले की भावना से की गई है और एक मंत्री के इशारे पर पुलिस ने कार्रवाई की है। तेजस्वी ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो पुलिस उन्हें वहीं से गिरफ्तार कर दिखाए।
तेजस्वी ने राज्य सरकार पर लंपट मंत्रियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि बिहार की जनता ऐसे मंत्रियों को सत्ता से बाहर करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और जनता अब बदलाव चाहती है। बिहार अधिकार यात्रा के जरिए वे यही संदेश देना चाहते हैं कि जनता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो और चुनाव में उसका सही इस्तेमाल करे।