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पटना , वाईबीएन डेस्क । बिहार की राजनीति में एक बार फिर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) विवादों के केंद्र में हैं। इस बार उन पर दो मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) रखने के गंभीर आरोप लगे हैं। NDA के घटक दलों—जदयू, बीजेपी, लोजपा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा—ने रविवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि तेजस्वी यादव ने रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट का उल्लंघन करते हुए दो अलग-अलग EPIC (इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड) बनवाए हैं, जो कानूनन अपराध है।
NDA का बड़ा आरोप: "एक और घोटाला जुड़ा"
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जिस नेता को खुद की पहचान पर भरोसा नहीं, वह बिहार का नेतृत्व कैसे करेगा? तेजस्वी यादव पर पहले से 7 घोटालों के मामले चल रहे हैं, अब यह EPIC घोटाला भी जुड़ गया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए चुनाव आयोग से तुरंत FIR दर्ज करने की मांग की।
बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि दो वोटर आईडी रखने वाले को सीधे जेल होनी चाहिए। यह मामला सिर्फ तेजस्वी का नहीं, पूरे RJD और लालू परिवार की जांच होनी चाहिए। लोजपा के राजेश भट्ट ने भी तेजस्वी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि उन्हें बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
ECI के नियम क्या कहते हैं?
भारतीय चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति एक समय में केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकता है। दो वोटर आईडी रखना IPC की धारा 17 (फर्जी दस्तावेज) और धारा 18 (जालसाजी) के तहत दंडनीय अपराध है। ECI ने पहले ही पुष्टि की है कि तेजस्वी का नाम दीघा विधानसभा क्षेत्र में EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है, लेकिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूसरा नंबर RAB2916120 दिखाया, जो विवाद का कारण बना।
मामला तब सामने आया जब तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से गायब हो गया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उनका नाम पहले से रजिस्टर्ड है। विरोधाभास तब बढ़ा जब तेजस्वी ने दूसरा वोटर आईडी कार्ड दिखाया, जिसे ECI ने अमान्य घोषित किया।
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