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तेजस्वी यादव के "दामाद आयोग" हमले के पीछे छिपी थी बहन-बहनोई को बाहर करने की रणनीति? जीतन राम मांझी का बड़ा खुलासा!

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर कसा तंज! जानें कैसे "दामाद आयोग" विवाद के पीछे मीसा भारती और बहनोई को घर से निकालने की रणनीति छिपी है। बिहार की राजनीति में भाई-बहनों के बीच तनाव पर पूरी रिपोर्ट।

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YBN Bihar Desk
Tejashwi Yadav Lalu Family
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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश कुमार सरकार पर "जमाई आयोग" (Son-in-Law Commission) का आरोप लगाने के बाद से राज्य की सियासत गरमा गई है। अब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस विवाद को नया मोड़ देते हुए चौंकाने वाला दावा किया है। मांझी के मुताबिक, तेजस्वी का यह हमला सिर्फ़ एनडीए सरकार को घेरने के लिए नहीं, बल्कि ख़ुद अपनी बहन मीसा भारती और बहनोई को "घर से बाहर" करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।

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पिछले सप्ताह तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि नीतीश कुमार को "जमाई आयोग" गठित कर देना चाहिए, क्योंकि एनडीए नेताओं के रिश्तेदार ही राज्य के आयोगों में नियुक्त हो रहे हैं। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में तूफ़ान ला दिया, जिसके बाद से ही जीतन राम मांझी लगातार तेजस्वी और उनके परिवार को निशाने पर ले रहे हैं।

मंगलवार को मांझी ने ट्विटर पर एक पोस्ट के ज़रिए बिना नाम लिए तीखा तंज कसा:

"भाई को तो पहले ही घर से बाहर निकाल दिया है। अब बहन और बहनोई को बाहर करने के लिए ‘दामाद’ का मुद्दा उठाया जा रहा है... ताकि भविष्य में ‘गब्बर सिंह’ (लालू यादव) यदि बेटी-दामाद को कहीं सेट करने को कहें, तो मना कर सकें कि हमने ख़ुद ही दामाद मुद्दा उठाया था!"

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इस ट्वीट में साफ़ इशारा तेज प्रताप यादव के "घर से निकाले जाने", मीसा भारती और उनके पति (बहनोई) की तरफ़ था। मांझी ने आगे कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि भविष्य में लालू यादव द्वारा बेटी-दामाद के लिए कोई मांग करने पर तेजस्वी इनकार कर सकें।

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