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बिहार की राजनीति में एक बार फिर महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर तनाव की खबरें सामने आई हैं। बुधवार को पटना में हुए बिहार बंद (Bihar Bandh) के दौरान कांग्रेस के दो नेताओं - पप्पू यादव (Pappu Yadav) और कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ मंच साझा करने से रोक दिया गया। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या RJD नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का दबदबा कांग्रेस के भीतर भी असर डाल रहा है?
दरअसल, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक खुले ट्रक पर सवार हुए, जिसे मंच के रूप में इस्तेमाल किया गया। पप्पू यादव और कन्हैया कुमार ने भी ट्रक पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। वायरल वीडियो में देखा गया कि कन्हैया को कुछ देर के लिए ट्रक पर चढ़ने दिया गया, लेकिन बाद में उतार दिया गया। इसके विपरीत, RJD और कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं को मंच पर जगह मिल गई।
ऐसे समझें पूरा विवाद
1. पप्पू यादव vs तेजस्वी यादव: क्यों है टकराव?
पप्पू यादव, जो पूर्व में RJD के करीबी थे, अब कांग्रेस में हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में RJD ने पप्पू को टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। तेजस्वी यादव चाहते हैं कि बिहार में यादव वोट बैंक पर केवल RJD का ही नियंत्रण रहे।
2. कन्हैया कुमार को क्यों रोका गया?
कांग्रेस ने कन्हैया को बिहार में युवाओं का चेहरा बनाने की कोशिश की है। मार्च 2024 में कन्हैया की 'नौकरी दो, पलायन रोको' यात्रा से RJD को लगा कि कांग्रेस उसके वोट बैंक पर निशाना लगा रही है। तेजस्वी यादव चाहते हैं कि महागठबंधन में RJD का ही प्रभुत्व बना रहे।
3. कांग्रेस की कमजोर स्थिति
बिहार में कांग्रेस का प्रभाव लगातार कम हो रहा है। 2020 विधानसभा चुनाव में केवल 19 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी। RJD के दबाव में कांग्रेस अपने ही नेताओं को आगे नहीं बढ़ा पा रही है।