बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर संगठनात्मक बदलाव की बयार चल रही है और पार्टी के अंदर यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि तेजस्वी यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला आगामी 5 जुलाई को लिए जाने की संभावना है।
चुनावी तैयारियों में जुटे तेजस्वी, जिला स्तर तक संगठन को मजबूत करने में व्यस्त
तेजस्वी यादव ने पिछले कुछ हफ्तों में जिस तरह से संगठन स्तर पर सक्रियता दिखाई है, उससे साफ है कि वह आने वाले 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर हैं। चाहे वह जिला अध्यक्षों के साथ बैठकें हों, या पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद – हर मोर्चे पर तेजस्वी यादव फुल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं।
तेजस्वी ने हाल ही में शहीद जवान के पार्थिव शरीर के पटना पहुंचने पर भी मौजूद रहकर संवेदनशीलता दिखाई, जबकि राज्य के अन्य बड़े नेता गायब रहे। ऐसे कदम तेजस्वी को आम जनता के बीच एक जिम्मेदार और जमीनी नेता के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
क्या लालू यादव की जगह अब तेजस्वी बनेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष?
RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अब तक लालू प्रसाद यादव आसीन हैं। लेकिन उनकी लगातार खराब होती स्वास्थ्य स्थिति और सक्रिय राजनीति से दूरी ने यह संकेत देना शुरू कर दिया है कि पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन अब महज समय की बात है।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक 5 जुलाई को प्रस्तावित है, जिसमें यह ऐलान हो सकता है कि तेजस्वी यादव को RJD का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय लालू यादव का ही होगा, जो अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है।
जगदानंद सिंह की वापसी पर सस्पेंस
प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर भी अटकलें तेज हैं। जगदानंद सिंह, जो हाल के दिनों में पार्टी कार्यालय से दूरी बनाए हुए हैं, उनके नाम की चर्चा फिर से हो रही है। हालांकि, कुछ अन्य नाम भी संभावित दावेदारों में शामिल हैं। 24 जून को प्रदेश अध्यक्ष पद पर निर्णय लिया जा सकता है। इससे पहले पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों से रायशुमारी की जा रही है।
कांग्रेस को सीट कम देने की रणनीति, सीट बंटवारे पर भी तेजस्वी का नियंत्रण
पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के चलते RJD ने इस बार सीट बंटवारे में सख्ती दिखाने का मन बना लिया है। जहां पहले कांग्रेस को 70 सीटें दी गई थीं, अब उन्हें महज 40-50 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। इस रणनीति से तेजस्वी यह स्पष्ट संदेश देना चाह रहे हैं कि RJD अब किसी भी सहयोगी दल की कमजोरियों के चलते समझौता नहीं करेगा।
RJD में युवा चेहरा, एक्टिव लीडरशिप की ओर बदलाव
तेजस्वी यादव को विपक्ष का चेहरा मानने वाले कार्यकर्ता और नेता यह मानते हैं कि पार्टी को अब उनके नेतृत्व में एक नया विजन और एनर्जी मिल रही है। कार्यकर्ताओं से लेकर जिलाध्यक्षों तक, हर स्तर पर तेजस्वी खुद पहुंचकर संवाद कर रहे हैं, सोशल मीडिया कैंपेन को एक्टिव कर रहे हैं और पार्टी को युवाओं के बीच दोबारा प्रासंगिक बना रहे हैं।