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भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव और सेना द्वारा किए गए जवाबी एक्शन के बीच देश की मुख्यधारा मीडिया ने जिस प्रकार से रिपोर्टिंग की, उस पर अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने TRP की लालसा में राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले न्यूज चैनलों को आड़े हाथों लिया और कहा कि मीडिया ने अब ऐसा रूप ले लिया है कि सामाजिक कार्यकर्ता और विपक्ष को अब उन्हें कर्तव्य याद दिलाना पड़ रहा है।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि "दुर्भाग्यपूर्ण है कि विगत 10 वर्षों में मीडिया की विश्वसनीयता इतनी गिर चुकी है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के कारण अब सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता मीडिया को नसीहत ही नहीं बल्कि आईना दिखा कर्तव्य की याद दिला रहे हैं। पहले यह काम मीडिया का हुआ करता था।"
'एनिमेशन, फेक न्यूज और गढ़ी गई कहानियाँ'
तेजस्वी ने कहा कि कुछ चैनलों ने TRP पाने के चक्कर में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक किया, सरकारी दिशानिर्देशों और रक्षा मंत्रालय के नियमों की अनदेखी की, काल्पनिक और भ्रामक कहानियों को एनिमेटेड वीडियो के जरिए प्रस्तुत कर जनता को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा रवैया न सिर्फ अनप्रोफेशनल है, बल्कि यह देशवासियों की भावनाओं का शोषण और मीडिया की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने का प्रतीक है।
तेजस्वी का हमला: मीडिया को अब करना होगा आत्ममंथन
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मीडिया की भूमिका पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस चल रही है। उनका यह बयान पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति, TRP की होड़ और जिम्मेदारी के सवालों को पुनः सामने लाता है।