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पूर्णिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित रैली से ठीक पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक तीखा हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को जुमलों की बरसात करने से पहले ग्रामीण इलाकों की बदहाल स्थिति देखनी चाहिए। उन्होंने लिखा कि सभा स्थल से कुछ ही दूरी पर टूटी-फूटी सड़कें, शिक्षकविहीन स्कूल और दवाइयों की कमी से जूझते स्वास्थ्य केंद्र हैं।
तेजस्वी ने महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी और पलायन जैसी गंभीर समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि यह सब बातें बिहार के आम लोगों को परेशान कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि मोदी की एक रैली से बिहार जैसे गरीब राज्य पर 100 करोड़ का बोझ पड़ता है। उनके मुताबिक, इतनी भारी-भरकम रकम से स्कूलों की चारदीवारी, खेल के मैदान और लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाए जा सकते थे।
तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि रैली की तैयारी के नाम पर शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों से पढ़ाई और कामकाज रुकवाकर उन्हें भीड़ जुटाने का जिम्मा सौंपा जाता है। आशा वर्कर, जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और शिक्षा मित्रों तक पर दबाव डाला जाता है।
अपने ट्वीट में तेजस्वी ने पीएम मोदी से यह भी पूछा कि क्या उन्हें याद है कि 11.5 साल पहले पूर्णिया से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि NDA की 20 साल की सरकार और मोदी की 11 साल की सत्ता ने बिहारवासियों को केवल वादे और जुमले दिए हैं।
तेजस्वी ने व्यंग्य करते हुए लिखा कि पीएम मोदी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए "जंगलराज" का शोर मचाते हैं। लेकिन अब बिहार के लोग उनकी बनावटी छवि और अधूरे वादों को समझ चुके हैं और चुनाव से पहले जुमलेबाजी काम नहीं आएगी।
Tejashwi Yadav | PM Modi Bihar Visit