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बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू परिवार सुर्खियों में है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने बेगूसराय के गारा पंचायत में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में बड़ा बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि "ऐसे ही लोग मुझे दूसरा लालू यादव नहीं कहते हैं।"
तेजप्रताप ने इस दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा (SIR यात्रा) पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कई लोग एसी गाड़ियों और लग्जरी बसों में सफर करते हैं, लेकिन वह गांव की पगडंडियों पर चलकर जनता से सीधे जुड़ना चाहते हैं। तेजप्रताप ने खुद को "जमीनी नेता" बताते हुए कहा कि जनता के बीच जाना और उनके दुख-दर्द को समझना ही उनकी असली राजनीति है।
तेजस्वी पर इशारों में हमला, लेकिन "भाई" कहा
भाषण के दौरान तेजप्रताप ने तेजस्वी यादव पर भी परोक्ष हमला बोला। उन्होंने याद दिलाया कि जब महुआ में मेडिकल कॉलेज की मांग पर कैबिनेट की बैठक में उन्होंने नीतीश कुमार से सीधा विरोध किया था, तब तेजस्वी उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे। तेजप्रताप ने कहा कि मैंने साफ कह दिया था कि अगर मेडिकल कॉलेज नहीं मिलेगा तो कैबिनेट छोड़ दूंगा। तेजस्वी बोले कि बवाल हो जाएगा, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी।
हालांकि इस तल्ख बयानबाजी के बीच उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी उनके छोटे भाई हैं और रहेंगे, लेकिन उनके साथ राजनीतिक "धोखा" हुआ है।
जेडीयू और बीजेपी ने साधा निशाना
तेजप्रताप के बयान के बाद सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया। जेडीयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि लालू यादव के स्वाभाविक उत्तराधिकारी तेजप्रताप ही हैं। उन्होंने तेजस्वी को दारा शिकोह की भूमिका निभाने वाला बताया। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर सिंह ने व्यंग्य करते हुए कहा कि लालू यादव के दोनों बेटों के बीच सत्ता और वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, जिसका नतीजा आने वाले दिनों में और बड़े राजनीतिक उलटफेर के रूप में दिख सकता है।