मई की शुरुआत के साथ बिहार में आसमान से गिरती बारिश अब राहत नहीं, आफत बनती जा रही है। एक ओर जहां खेतों में पानी की बूंदें उम्मीदें सींच रही थीं, वहीं अब ओलावृष्टि और वज्रपात ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र की चेतावनी के मुताबिक, 5 मई तक 26 जिलों में भारी बारिश, गरज-चमक और 40–50 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का प्रकोप जारी रहेगा।
राज्य के विभिन्न इलाकों में बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजधानी पटना में जहां एक ओर धूप-छांव का खेल जारी है, वहीं उत्तर और मध्य बिहार के अधिकांश जिलों में बादलों का घेरा, बिजली की चमक और ओलों की बौछार से लोग सहम गए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान से लेकर उत्तर केरल तक फैली ट्रफ रेखा, बांग्लादेश के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण और दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में मौसमी दबाव का क्षेत्र इस विकराल मौसम की मुख्य वजह है। इन सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से बिहार में बार-बार मौसम की करवट देखी जा रही है।
किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा?
2 से 5 मई तक अलग-अलग चरणों में जिन जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सुपौल, पूर्णिया, भागलपुर, गया, नवादा और कैमूर सहित 26 जिले शामिल हैं। कई इलाकों में जलजमाव और बिजली गिरने की घटनाएं पहले ही सामने आ चुकी हैं।
भारी बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं के चलते प्रशासन ने येलो अलर्ट जारी कर लोगों को घरों में रहने और सतर्क रहने की सलाह दी है। स्कूलों में छुट्टियां घोषित की जा सकती हैं और खेतों में काम कर रहे किसानों को विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है।
5 मई के बाद अधिकांश जिलों में मौसम थोड़ा सामान्य हो सकता है, लेकिन 7 मई तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी। इस दौरान अचानक मौसम बदलने की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता।