राजद के चर्चित बाहुबली विधायक रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) को पटना की बेऊर जेल से भागलपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह कदम सुरक्षा कारणों और जेल प्रशासन की रणनीति के तहत उठाया गया, ताकि जांच प्रक्रिया पर किसी भी प्रकार का बाहरी प्रभाव न पड़े। रीतलाल यादव पर एक बिल्डर से ₹50 लाख की रंगदारी मांगने और धमकाने का आरोप है।
रंगदारी मामला और आत्मसमर्पण
खगौल थाना क्षेत्र के बिल्डर कुमार गौरव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों ने उनसे ₹50 लाख की मांग की और जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में पटना पुलिस ने 11 अप्रैल 2025 को उनके 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें
- ₹10.5 लाख नकद
- ₹77 लाख के ब्लैंक चेक
- 6 पेन ड्राइव
- जमीन से जुड़े कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे।
इसके बाद 17 अप्रैल 2025 को रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेजा गया।
बेऊर जेल से क्यों हटाया गया?
बेऊर जेल में रहते हुए रीतलाल पर पहले भी जेल के अंदर से रंगदारी का रैकेट चलाने के आरोप लग चुके हैं। ऐसे में इस बार प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए उन्हें भागलपुर जेल ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है, ताकि वे जेल से किसी गतिविधि को प्रभावित न कर सकें। साथ ही गवाहों या पीड़ितों पर दबाव न बनाया जा सके और केस की निष्पक्ष जांच हो सके।
राजनीतिक हलचल और प्रशासन की चौकसी
जातीय जनगणना के फैसले के बाद बिहार में सियासी सरगर्मी पहले से ही तेज है। हालांकि, रीतलाल यादव का अपना दबदबा रहा है — वे कभी मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह के विरोधी भी माने जाते थे और जेल से ही चुनाव जीतने का इतिहास रखते हैं।