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पटना , वाईबीएन डेस्क । विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लेकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। पार्टी ने घोषणा की है कि वह इस चुनाव में 50 प्रतिशत टिकट अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अतिपिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को देगी। यह फैसला न सिर्फ बिहार की राजनीति में सामाजिक न्याय की नई बहस छेड़ सकता है, बल्कि महागठबंधन और NDA के लिए भी बड़ी चुनौती पैदा कर सकता है।
VIP का बड़ा ऐलान
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक ऐसा फैसला किया है जिसे राज्य के सामाजिक-राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है। पार्टी ने घोषणा की है कि वह इस बार आधे चुनावी टिकट (50%) SC, ST और अतिपिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को आवंटित करेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने इस फैसले को "सामाजिक समावेशन और वंचित तबकों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक साहसिक कदम" बताया है। उनका कहना है कि दशकों से इन समुदायों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व में उचित हिस्सेदारी नहीं मिली और VIP का यह निर्णय इसी ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने की कोशिश है।
बिहार के जातीय समीकरण और राजनीतिक प्रभाव
बिहार की आबादी में अतिपिछड़ा वर्ग (EBC) लगभग 36% है, जबकि SC और ST मिलाकर 20% से अधिक हैं। यानी, राज्य की कुल आबादी का करीब 56% हिस्सा इन्हीं वर्गों से आता है। लेकिन, पारंपरिक रूप से बड़ी राजनीतिक पार्टियां इन समुदायों को 20-25% से ज्यादा टिकट नहीं देती रही हैं।
VIP का यह कदम सीधे तौर पर इन वर्गों को सशक्त बनाने और उनके वोट बैंक को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। अगर यह फॉर्मूला कामयाब होता है, तो महागठबंधन (RJD-Congress-Left) और NDA (BJP-JDU) जैसे बड़े गठबंधनों को भी अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
VIP का यह फैसला बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकता है। अब तक, बड़ी पार्टियां SC/ST और EBC वर्गों को सीमित टिकट देकर उनके वोटों का फायदा उठाती रही हैं, लेकिन VIP ने सीधे तौर पर इन समुदायों को प्रमुखता देकर एक नया राजनीतिक मॉडल पेश किया है।