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पटना में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने एनडीए सरकार पर करारा हमला बोला और बिहार चुनाव को देश की दिशा तय करने वाला चुनाव बताया। गांधी मैदान से अंबेडकर प्रतिमा तक निकले इस मार्च में महागठबंधन के तमाम नेताओं के बीच हेमंत सोरेन का भाषण सबसे तीखे सुरों में गूंजा। उन्होंने कहा कि 2014 में “चालाक-चतुर लोगों” ने सत्ता हथिया ली, लेकिन अब जनता को तय करना होगा कि लोकतंत्र बचाना है या तानाशाही को और मजबूत करना है।
पिछड़ा, दलित और आदिवासी एक हों तो NDA खत्म : हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर पिछड़ा, दलित और आदिवासी समाज एकजुट हो जाए तो एनडीए कहीं टिक नहीं पाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि इस आवाज को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाया जाए ताकि हर कोई समझ सके कि किस तरह देश में कालाबाजारी और भ्रष्टाचार बढ़ा है।
उन्होंने दावा किया कि आजादी के बाद जितने लोगों की मौत नहीं हुई थी, उससे ज्यादा मौतें 2014 से अब तक हो चुकी हैं। सोरेन ने केंद्र सरकार की तुलना “फूट डालो और राज करो” की नीति से की और कहा कि भाजपा जनता को धर्म और जाति के नाम पर बांट रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई जैसे संस्थानों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को डराने की कोशिश की जा रही है।
हेमंत सोरेन ने याद दिलाया कि खुद उन्हें भी जेल में डाला गया था और वहां से ही उन्होंने चुनाव लड़ा। उन्होंने कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं और जनता के अधिकारों के लिए जेल भी जाने को तैयार हैं।
झारखंड ने लगाई है पलायन पर रोक : हेमंत सोरेन
उन्होंने बिहार और झारखंड की साझा विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि पहले दोनों राज्यों से बड़े पैमाने पर लोग पलायन करते थे, लेकिन झारखंड में उनकी सरकार ने पलायन पर रोक लगाई है। उन्होंने नीतीश कुमार और एनडीए पर तंज कसा कि यह लोग सिर्फ जुमले बेचते हैं जबकि विपक्षी गठबंधन काम करके दिखाता है।
विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान पर सवाल उठाते हुए सोरेन ने कहा कि यह बेहद विचित्र है और यदि सरकार में हिम्मत है तो गद्दी छोड़कर दोबारा रिवीजन कराए, तब सच सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ बिहार की राजनीति नहीं बल्कि पूरे देश का भविष्य तय करने वाला है।